"प्रेमजी पटेल: एक करोड़ पेड़ और 2500 चेक डैम से बदला गुजरात का भविष्य"

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एक व्यक्ति, एक संकल्प: प्रेमजी पटेल ने कैसे बदली गुजरात की तस्वीर

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट, गोंडल और मांगरोल जिलों में फैली 18,000 हेक्टेयर बंजर भूमि आज हरियाली से ढकी है। इसका श्रेय जाता है 92 वर्षीय पर्यावरण योद्धा प्रेमजी पटेल को, जिन्होंने एक साधारण प्रेरणा को जीवन का मिशन बना दिया।

मुंबई में सफल व्यवसायी होने के बावजूद पटेल का मन अपने मूल स्थान गुजरात में ही रमा रहा। एक दिन उन्होंने एक किताब में एक चरवाहे की कहानी पढ़ी, जिसने बंजर भूमि को बीज बोकर जंगल में बदल दिया। यही कहानी उनके जीवन की दिशा बदल गई।

1970 में उन्होंने 54 गांवों को जोड़कर जल-संरक्षण और वृक्षारोपण का अभियान शुरू किया। उन्होंने "वृक्ष प्रेम सेवा ट्रस्ट (VPST)" की स्थापना की और धीरे-धीरे पूरे भारत में बीज संरक्षण का नेटवर्क खड़ा किया। आज उनके प्रयासों से:

  • 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं

  • 2,500 से अधिक चेक डैम बनाए गए हैं

  • 6,250 हेक्टेयर जमीन तक सिंचाई की व्यवस्था पहुँची है

  • 4,600 रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट्स पूरे हुए हैं

  • 20,000 से अधिक लोग इससे लाभान्वित हुए हैं

उनका तरीका भी सरल और व्यवहारिक था – मंदिरों के पास पेड़ लगाना, बीज बिखेरना, और ग्रामीणों को जल-संरक्षण के लिए प्रेरित करना। आज भी VPST गुजरात सरकार और ग्रामीणों के साथ मिलकर पर्यावरण संतुलन और किसानों की सहायता में लगा हुआ है।

प्रेमजी पटेल का जीवन हमें सिखाता है कि एक व्यक्ति भी परिवर्तन का वाहक बन सकता है। वे न केवल पर्यावरण प्रेमी हैं, बल्कि किसानों के सच्चे हितैषी भी हैं। उनके योगदान को डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिकों ने भी सराहा है।