अयोध्या के डॉ. अनिल वर्मा: गांव से अमेरिका तक का सफर, जानिए प्रेरक कहानी

ShyamJi Verma

गांव के प्राथमिक विद्यालय से लेकर USA तक का सफर: डॉ. अनिल कुमार वर्मा की प्रेरणादायक यात्रा

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद स्थित गांव खजुरावन के निवासी डॉ. अनिल कुमार वर्मा एक प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर अंतरराष्ट्रीय विज्ञान जगत में एक अलग पहचान बनाई है।

डॉ. वर्मा का जन्म एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय श्री लालता प्रसाद वर्मा एक सम्मानित व्यक्ति रहे हैं, जबकि माता श्रीमती वेशा देवी एक गृहिणी हैं। उनके बड़े भाई श्री विजय वर्मा बसपा के वरिष्ठ नेता और सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति हैं। उनकी पत्नी इंजीनियर शिप्रा वर्मा भारतीय स्टेट बैंक में मुख्य प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।

 शिक्षा और प्रारंभिक जीवन

डॉ. वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई। माध्यमिक शिक्षा कांदीपुर और अयोध्या के जीवीआईसी कडैला से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी से बायोटेक्नोलॉजी में B.Sc (ऑनर्स) और M.Sc किया। AIIMS, नई दिल्ली से वायरोलॉजी एवं इम्यूनोलॉजी में पीएचडी प्राप्त की।

 वैज्ञानिक करियर और उपलब्धियां

  • वर्तमान में पॉपवैक्स प्रा.लि. हैदराबाद में प्रधान वैज्ञानिक (इम्यूनोलॉजी) के पद पर कार्यरत हैं।

  • अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग में शोध सहायक प्रोफेसर, और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस में पोस्ट-डॉक्टरल वैज्ञानिक रह चुके हैं।

  • कोविड-19, HIV, रोटावायरस, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के लिए वैक्सीन अनुसंधान में योगदान।

  • Moderna कंपनी के साथ नवजातों के लिए कोविड वैक्सीन पर भी कार्य।

 अंतरराष्ट्रीय पहचान और पुरस्कार

  • 22 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित, 400+ बार उद्धृत।

  • वैज्ञानिक यात्राएं: जर्मनी, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना।

  • पुरस्कार: गेट्स फाउंडेशन ट्रैवल अवार्ड, ICMR-SRF, SERB-DST, AIIMS एंडोमेंट फंड आदि।

प्रेरणास्त्रोत

डॉ. अनिल कुमार वर्मा ग्रामीण परिवेश से निकलकर वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में सफलता की मिसाल हैं। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है — एक सच्ची "मिट्टी से सोना" बनने की कहानी

(संपादक)
संदीप पटेल SPTM 9839837144