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दीप्ति पटेल: जिनकी छत अब बग़ीचा है,1000 पौधे, 60 प्रकार फल हरियाली की कहानी

हर कोना हरा-भरा: दीप्ति पटेल की छत से उपजा हरित संसार
सूरत, गुजरात की दीप्ति पटेल, आज एक प्रेरणा हैं उन सभी लोगों के लिए जो सीमित संसाधनों के बीच भी प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं। वर्ष 2025 में 60 वर्षीया दीप्ति पटेल के घर में 60+ फल, 1000 से अधिक पौधे, दर्जनों मौसमी सब्जियाँ, विदेशी फल, और बिना केमिकल की हरियाली है।
शौक से संकल्प तक
दीप्ति बचपन से बागवानी की शौकीन रहीं, लेकिन शादी के बाद जब वह सूरत आईं, तो वहां गार्डनिंग का माहौल नहीं था। फिर भी उन्होंने गुलाब और गुड़हल से शुरुआत की और धीरे-धीरे पूरे घर को एक मिनी जंगल में बदल दिया।
शिक्षिका से पर्यावरण सेविका तक
पेशे से शिक्षिका दीप्ति स्कूल से लौटने के बाद हर दिन 3-4 घंटे बागवानी करती हैं। उन्होंने 2008 में टेरेस गार्डनिंग कोर्स भी किया, जिससे उन्हें उन्नत तकनीकें और बीजों की जानकारी मिली।
फल-सब्जी से भरा आंगन
अमरूद, पपीता, अनार, ड्रैगन फ्रूट, रामफल, अंजीर, चेरी, सफेद जामुन, एवोकाडो जैसे विदेशी फल उनके छत पर उग रहे हैं। छत, दीवारें, ग्रो बैग — उन्होंने हर कोना उपयोग में लिया।
रसायन मुक्त जैविक बागवानी
दीप्ति खाद खुद बनाती हैं — हर 6 महीने में 500–600 किलो कम्पोस्ट। कोई भी केमिकल या कीटनाशक नहीं। 100 यार्ड की छत अब हरियाली से लबालब है।
“पेड़-पौधे अब मेरे बच्चे हैं, और छत मेरा वन। ये थकान मिटाते हैं, जीवन सिखाते हैं।” — दीप्ति पटेल
दीप्ति की सलाह
अगर टेरेस गार्डनिंग शुरू कर रहे हैं तो वॉटर प्रूफिंग जरूर करें और जमीन से थोड़ा ऊपर क्यारी बनाएं — ताकि छत को नुकसान न पहुंचे।
कुर्मी समाज को दीप्ति पटेल पर गर्व है — जिन्होंने न केवल हरित जीवन को अपनाया बल्कि अगली पीढ़ी को भी प्रकृति से जोड़ने की प्रेरणा दी।
अगर आपको भी है बागवानी का शौक और आपने भी अपने घर की बालकनी, किचन या फिर छत को बना रखा है पेड़-पौधों का ठिकाना, तो हमारे साथ साझा करें अपनी #गार्डनगिरी की कहानी। तस्वीरों और सम्पर्क सूत्र के साथ हमें लिख भेजिए अपनी कहानी हमें kurmiworld.com@Gmail.com पर लिखे, या नम्बर +91 9918555530 पर संपर्क करे।
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