एक शिक्षक जो समाज में जगा रहा चेतना की मशाल : अशोक वर्मा अयोध्या

समाज चेतना और शिक्षा के पथप्रदर्शक: अशोक कुमार वर्मा
शिक्षक, विचारक और सामाजिक बदलाव के लिए समर्पित व्यक्तित्व
शिक्षक केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने वाला नहीं होता, वह समाज का निर्माता, विचारों का वाहक और बदलाव का अग्रदूत होता है। इस बात को अपनी कर्मभूमि से सिद्ध कर रहे हैं अयोध्या जनपद के रुदौली क्षेत्र में कार्यरत वरिष्ठ शिक्षक अशोक कुमार वर्मा, जिनका जीवन शिक्षा, सामाजिक चेतना और वैचारिक दृढ़ता का प्रतीक बन चुका है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
7 अगस्त 1979 को अयोध्या जिले के शेरपुर गांव में जन्मे अशोक वर्मा ने शिक्षा के क्षेत्र में गहरी रुचि लेते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक (मध्यकालीन इतिहास, दर्शनशास्त्र, संस्कृत) तथा आधुनिक इतिहास में एम.ए. किया। इसके बाद उन्होंने बी.एड. की डिग्री राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से प्राप्त की। वे हिंदी और अंग्रेज़ी सहित कई भाषाओं में दक्ष हैं।
सिविल सेवा की तैयारी और संघर्ष
2001 से सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर अशोक वर्मा ने सात बार IAS की मुख्य परीक्षा दी और 2006 में साक्षात्कार भी पास किया। साथ ही उन्होंने कई बार PCS परीक्षा में भी सफलता हासिल की और दो बार UGC-NET (इतिहास) क्वालीफाई किया। लेकिन लिखावट की तकनीकी कमी के चलते वे अंतिम चयन से चूक गए। इसके बावजूद उनका संघर्ष और प्रतिबद्धता आज भी लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई है। 2022 में GIC प्रवक्ता (इतिहास) पद पर चयन होने के बावजूद उन्होंने पारिवारिक और सामाजिक प्रतिबद्धताओं के कारण पद स्वीकार नहीं किया।
एक शिक्षक के रूप में प्रभाव
वर्तमान में अशोक वर्मा प्राथमिक विद्यालय, चौधरी का पुरवा, रुदौली (अयोध्या) में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। पिछले 16 वर्षों से वे विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक ज्ञान, बल्कि नैतिकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जीवन कौशल की शिक्षा भी दे रहे हैं।
सामाजिक चेतना के अगुवा
अशोक वर्मा न केवल शिक्षक हैं, बल्कि एक जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे अर्जक संघ के जिलामंत्री हैं और समाज में व्याप्त अंधविश्वास, पाखंड और सामाजिक विषमताओं के खिलाफ मुखर रूप से अपनी आवाज उठाते हैं। उनका सपना है एक ऐसा समाज, जो मानवतावादी, तर्कशील और वैज्ञानिक सोच पर आधारित हो।
संगठन और नेतृत्व क्षमता
वे शिक्षक संघ रुदौली के ब्लॉक मंत्री भी हैं और शिक्षकों की समस्याओं के समाधान, संवाद और प्रशिक्षण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे राजनीति, लेखन, भाषण और कविता में भी रुचि रखते हैं। उन्होंने "नागार्जुन कोचिंग" शुरू करने की योजना भी बनाई थी ताकि सिविल सेवा के अपने अनुभवों से छात्रों को मार्गदर्शन दे सकें, परंतु समयाभाव के कारण यह योजना ठहर गई।
प्रेरणा के स्रोत और विचारधारा
गौतम बुद्ध, ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. आंबेडकर, पेरियार, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे महापुरुषों के विचारों को वे अपने जीवन और कार्यों में उतारते हैं। वे मानते हैं कि सामाजिक-आर्थिक न्याय और समता ही सच्चे लोकतंत्र की नींव है।
परिवार और निजी जीवन
उनकी पत्नी श्रीमती शांति वर्मा बेसिक शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक हैं। उनका पुत्र अद्वैत कक्षा 9 में और पुत्री अदिति कक्षा 5 में अध्ययनरत हैं। अशोक वर्मा सोशल मीडिया के ज़रिए युवाओं से संवाद करते रहते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
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फोन: 9198911498
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ईमेल: ashokvermaadawait@gmail.com
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फेसबुक : https://www.facebook.com/profile.php?id=100029742757211
निष्कर्ष
अशोक कुमार वर्मा उन शिक्षकों में से हैं जो कक्षा की सीमाओं से बाहर निकलकर समाज में चेतना, बदलाव और न्याय की मशाल जलाए हुए हैं। शिक्षा, संघर्ष, वैचारिक प्रतिबद्धता और सामाजिक सेवा के अद्भुत समन्वय से वे न केवल आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें जिम्मेदार और जागरूक नागरिक भी बना रहे हैं।
- संदीप पटेल SPTM
(संपादक)