हर्षल पटेल: मजदूर का बेटा, कभी पाकिस्तानी दुकान में करता था काम, आज RCB का डेथ ओवर स्पेशलिस्ट है
विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट लीग आईपीएल ने कई प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को बुलंदियों पर पहुंचाया है. उनमें कुछ ऐसे भी हुए जिन्होंने अपने खेल के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम में भी जगह बनाई. उन्हीं में एक नाम आरसीबी के प्रमुख तेज गेंदबाज हर्षल पटेल का है. हर्षल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 10.75 करोड़ की मोटी रकम देकर खरीदा था. यह खिलाड़ी भी अपनी टीम के भरोसे पर बिलकुल खरा उतरा. उन्होंने अपने जबरदस्त खेल से रॉयल चैलेंजर्स बैगलोर को कई मैच जितवाए हैं. आईपीएल में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय टीम में भी जगह बनाई. पिछले IPL सीजन पर्पल कैप विजेता भी बने थे.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खिलाड़ी ने काफी संघर्ष के बाद यहां तक का सफर तय किया है.
कम वेतन पर एक पाकिस्तानी दुकान पर किया काम
हर्षल पटेल ब्रेक फ़ास्ट विद चैम्पियंस शो में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि वो अमेरिका के न्यूजर्सी में एक पाकिस्तानी परफ्यूम की दुकान पर काम करते थे. जबकि उन्हें अग्रेज़ी भी नहीं आती थी. लेकिन उन्होंने जल्द ही थोड़ी बहुत इंग्लिश भी सीख ली. वे 12 घंटे काम करते थे. उन्हें 1500 रूपये मिलते थे. जो अमेरिका में गुज़र-बसर के लिए बहुत कम था.
दरअसल, जब हर्षल की उम्र 17 साल थी तब 2008 में उनका परिवार अमेरिका चला गया. परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था. उनके पिता मजदूरी करते थे. घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता था. ऐसे में हर्षल को भी नौकरी करनी पड़ी. हर्षल पटेल कहते हैं “ मेरे लिए वो नौकरी बेहद खास थी, क्योंकि मैंने सीखा कि असल मजदूरी क्या होती है. मेरे चाचा चाची काम पर जाते हुए मुझे दुकान पर छोड़ देते थे. 7 बजे वे छोड़ते थे और 9 बजे दुकान खुलती थी. मैं 2 घंटे अमेरिका के एलिजाबेथ रेलवे स्टेशन पर बैठा रहता था. रात 8 बजे तक काम करना होता था. मैं रोज 12 से 13 घंटे काम करता था. मुझे प्रतिदिन 35 डॉलर मिलते थे.
सैंडविच खाने के नहीं होते थे पैसे
अमेरिका में रहते हुए हर्षल पटेल के अंदर क्रिकेट खेलने का जुनून कम नहीं हुआ. वो दोबारा भारत लौट आए. हर्षल बताते हैं “मैंने दोबारा क्रिकेट खेलने का फैसला लिया. तब माता-पिता ने यही कहा कि उनकी नाक मत कटवाना. मैं सुबह 7 बजे मोटेरा स्टेडियम जाता था. वह अभ्यास करता. उस दौरान टोस्टेड सैंडविच 15 रूपये और नार्मल 7 रूपये में का मिलता था. मैं 7 रूपये वाला सैंडविच खाता था. पिता ने हमेशा मुझे पैसों को बचाकर चलने की सलाह दी है. जब मुझे नीलामी में 10.75 करोड़ में खरीदा गया तब मेरे पिताजी ने कहा मैं उस पैसों का पीपीएफ और एफडी करा दूं. अब पिता भी वापस लौट आए हैं."
'फिलहाल हर्षल आरसीबी के डेथ ओवर स्पेशलिस्ट हैं. आईपीएल 2022 में अब तक उन्होंने 8 मैचों में 10 विकेट चटका चुके हैं. पिछले सीजन 15 मैचों में 32 विकेट लेकर पर्पल कैप विजेता बने थे. इस बार भी उनकी टीम और फैंस को उनसे बेहतर की उम्मीद है, लेकिन उनके संघर्ष की कहानी लोगों के एक प्रेरणा है.