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उत्तर प्रदेश में दलित जुड़ाव के लिए अपना दल (एस) ने जाटव नेता आर.पी. गौतम को सौंपी अध्यक्ष की कमान

दलित समुदाय को साथ ले कर चलने की कोशिश में अपना दल (एस) ने जाटव नेता आर.पी. गौतम को यूपी अध्यक्ष नियुक्त किया
उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित वोट बैंक को साधने की होड़ तेज़ हो चुकी है। इसी कड़ी में, अपना दल (सोनेलाल) ने 29 मई को एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए जाटव समुदाय से आने वाले आर.पी. गौतम को उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अपना दल (एस) अब तक ओबीसी कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के समर्थन पर केंद्रित रहा है।
कौन हैं आर.पी. गौतम?
सीतापुर निवासी आर.पी. गौतम वर्तमान में पार्टी के सहकारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। हालांकि वह अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़े हैं और सार्वजनिक रूप से कम परिचित हैं, लेकिन पार्टी अब उन्हें अधिक जनसंपर्क और सभाओं के माध्यम से जनता के बीच प्रमुखता से पेश करने की योजना बना रही है। इन सभाओं में केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रमुख अनुप्रिया पटेल की भी भागीदारी संभावित है।
जाटव समुदाय का महत्व
एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "जाटव वोटर्स पूरे 403 विधानसभा क्षेत्रों में फैले हुए हैं और प्रत्येक सीट पर इनकी संख्या 30,000 से 50,000 के बीच है। ऐसे में इनका समर्थन निर्णायक हो सकता है।"
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब समाजवादी पार्टी भी दलित समुदाय को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। हाल ही में एसपी ने बसपा के संस्थापक सदस्य डड्डू प्रसाद को पार्टी में शामिल किया और डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम आयोजित किए।
पार्टी में सामाजिक संतुलन
वर्तमान में पार्टी के 13 विधायक हैं, जिनमें 5 दलित (3 जतव, 1 कोल, 1 पासी), 5 कुर्मी, और एक-एक ब्राह्मण, मुसलमान और सोनार समुदाय से हैं। अशिष पटेल ने कहा, "अपना दल हमेशा से वंचित वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता देता रहा है।"
यह पहली बार नहीं है जब पार्टी ने किसी दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया हो। इससे पहले पासी समुदाय से आने वाले जमुना प्रसाद सरोज भी यह भूमिका निभा चुके हैं।
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