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कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ खेतों की रानी बनी कुर्मी बेटी – टमाटर से 1.5 करोड़ की कमाई!

कॉर्पोरेट जॉब छोड़ खेती से रच रही MBA पास कुर्मी बेटी इतिहास, टमाटर बेचकर कर रहीं 1.5 करोड़ रुपये की कमाई
रायपुर: आज की युवा पीढ़ी यह सिद्ध कर रही है कि खेती सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक मुनाफे वाला व्यवसाय भी है। छत्तीसगढ़ की स्मृति चंद्राकर, जो एक कुर्मी किसान परिवार से आती हैं, ने MBA करने और 5 साल की कॉर्पोरेट नौकरी के बाद खेती को अपनाया और अब सालाना 1.5 करोड़ रुपये कमा रही हैं।
कौन हैं स्मृति चंद्राकर?
स्मृति ने रायपुर से इंजीनियरिंग और पुणे से MBA किया। उन्होंने पुणे की एक कंपनी में 5 साल तक काम किया। लेकिन अपनी जड़ों से जुड़ने और परिवार के करीब रहने के उद्देश्य से रायपुर लौट आईं। वहीं से उनकी खेती की यात्रा शुरू हुई।
खेती का नया नजरिया और बड़ी कामयाबी
स्मृति ने महसूस किया कि पारंपरिक फसलों जैसे चावल और गेहूं की तुलना में सब्जी की खेती ज्यादा फायदेमंद है। उन्होंने 20 एकड़ जमीन पर सब्जी उगाना शुरू किया। टमाटर, लौकी, खीरा और बैंगन जैसी फसलों से उन्होंने 125 लोगों को रोजगार भी दिया है।
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2024 में 50 टन प्रति एकड़ टमाटर उत्पादन
स्मृति बताती हैं कि एक एकड़ में 50 टन तक टमाटर का उत्पादन होता है। खेती की आधुनिक तकनीकों, वर्मी कम्पोस्ट और प्राकृतिक खाद से उन्होंने मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई। उनके इस प्रयास से उनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
कुर्मी समाज की बेटियों के लिए प्रेरणा
स्मृति चंद्राकर न केवल खेती में बल्कि कुर्मी महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। उनका यह सफर यह साबित करता है कि शिक्षा, तकनीक और परंपरा का मेल समाज को नई दिशा दे सकता है।