फणीश्वर नाथ रेणु की किताबें : फणीश्वर नाथ रेणु की किताबें कौन सी हैं? यहां देखें पूरी लिस्ट

फणीश्वर नाथ रेणु अपनी रचनाओं को लेकर काफी प्रसिद्ध है। फणीश्वर नाथ रेणु एक लेखक होने के साथ साथ स्वतंत्रता सेनानी भी थे। जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। आधुनिक हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए फणीश्वर नाथ रेणु जी को भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं। हिंदी साहित्यकार के साथ साथ वह एक लेखक भी थे जिन्होंने कई किताबें लिखी है।
आँचलिकता की प्रवृति का आरंभ प्रेमचंद युग से ही दृष्टिगोचर होने लगा था और आँचलिक उपन्यासों की विधा का सूत्रपात भी हो चुका था, लेकिन रेणु के उपन्यासों और कहानियों के साथ इसका पूर्ण विकास हुआ। उन्होंने अपने उपन्यास और कहानियों में ग्रामीण जीवन का गहन रागात्मक और रसपूर्ण चित्र खींचा है। उनकी विशिष्ट भाषा-शैली ने हिंदी कथा-साहित्य को एक नया आयाम प्रदान किया। ‘परती परिकथा’ उपन्यास और ‘मारे गये गुलफाम’ कहानी, जिस पर राजकपूर अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्म बनी, के साथ उनकी ख्याति और बढ़ गई। उपन्यास और कहानी के अतिरिक्त उन्होंने निबंध, रिपोर्ताज़, संस्मरण आदि गद्य विधाओं में भी लेखन किया और व्यापक रूप से सराहे जाते हैं।
फणीश्वरनाथ रेणु के बारे में
फणीश्वर नाथ रेणु जी का जन्म 4 मार्च 1921 को गांव औराही हिंगना, जिला पूर्णिया, बिहार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘शिलानाथ मंडल’ था, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपने इलाके के प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक थे। रेणु जी का बचपन स्वराज आंदोलन को देखते और समझते बीता वहीं उनके पिता भी ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ के सदस्य थे और उन्होंने ‘महात्मा गाँधी’ द्वारा चलाए गए ‘अहसयोग आंदोलन’ में भाग लिया था। स्वराज की चेतना रेणु जी में अपने पारिवारिक वातावरण से ही आयी थी। उनके बहुचर्चित और सर्वाधिक लोकप्रिय आंचलिक उपन्यास मैला आँचल के लिए वर्ष 1970 में भारत सरकार की ओर से उनके पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।
फणीश्वर नाथ रेणु की किताबें कौन सी हैं?
फणीश्वर नाथ रेणु की किताबों के बारे में यहां बताया जा रहा हैः