विनय रेड्डी : जो बाइडेन के विचारों को दे रहे शब्द

विनय रेड्डी अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन का भाषण तैयार करने वाला। फाइल फोटो।

अमेरिका में रहने वाला एक भारतीय ऐसा है, जो राष्ट्रपति जो बाइडेन के विचारों को शब्द देता है। बाइडेन का भाषण उन्हीं की कलम से निकलता है। भारतवंशी विनय रेड्डी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने अपनी स्पीचराइटर (भाषण लेखक) टीम का निदेशक बनाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने प्रचार अभियान के दौरान जो भाषण दिए और जिन शब्दों के दम पर अमेरिकी मतदाताओं को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित किया- वह भी विनय रेड्डी द्वारा ही लिखे गए थे। विनय रेड्डी पिछले काफी समय से जो बाइडेन से जुड़े हैं। 2013 से 2017 के बीच बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल में जब जो बाइडेन उपराष्ट्रपति थे, तब भी उनके स्पीचराइटर विनय रेड्डी ही थे।

तेलंगाना राज्य के करीमनगर जिले के पोथीरेड्डीपेट गांव से ताल्लुक रखने वाले विनय रेड्डी के पिता का नाम नारायण रेड्डी और मां का नाम विजया रेड्डी है। विनय के दादा तिरूपति रेड्डी गांव के प्रधान हुआ करते थे। पोथीरेड्डीपेट गांव में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नारायण रेड्डी ने हैदराबाद से एमबीबीएस किया और 1970 में अमेरिका चले गए।

विनय का जन्म अमेरिका के ओहायो राज्य में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज आॅफ लॉ से पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई मियामी यूनिवर्सिटी से की। वह न्यूयॉर्क में रहते हैं और उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। अमेरिका में बसने के बावजूद रेड्डी परिवार अपनी जड़ों से सदा जुड़ा रहा और गांव में उनका आना जाना बराबर बना रहा। आज भी उनके पैतृक गांव में उनका घर और जमीन है।

ओबामा प्रशासन में उपराष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद विनय ने नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन में स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस के उपाध्यक्ष के तौर पर काम किया। इससे पहले वह अमेरिका की पर्यावरण सुरक्षा एजंसी और हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज में वरिष्ठ स्पीचराइटर रहे।

ओबामा-बाइडेन के पुनर्चुनाव में भी विनय उनके डिप्टी स्पीचराइटर थे और अपने गृहराज्य ओहायो के सीनेटर शेरोद ब्राउन के लिए भी उन्होंने भाषण लिखने का काम किया। अमेरिका में नेताओं के भाषण तैयार करने वालों की बाकायदा एक टीम होती है।

दुनिया के सबसे विशाल और सबसे पुराने लोकतंत्र अर्थात भारत और अमेरिका में एक और फर्क यह भी है कि हमारे यहां पद की शपथ लेने के बाद भाषण देने की कोई परंपरा नहीं है, जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति के भाषण की परंपरा जॉर्ज वॉशिंगटन के समय से चली रही है।

जार्ज वॉशिंगटन 30 अप्रैल 1789 को जब अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने थे, तो उन्होंने अपने पहले भाषण में नई और मुक्त सरकार के बारे में बात की थी और अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने 135 शब्दों की इतिहास की सबसे छोटी तकरीर दी थी जबकि, 1841 में विलियम हैनरी हैरिसन ने 8455 शब्दों वाला सबसे लंबा भाषण दिया था।