19 हजार फीट की चोटी पर बिहार की बेटी, भारत के सबसे ऊँचे सड़क पर चढ़ने वाली पहली महिला

बिहार की बेटी सविता साइकिल से भारत घूमीं, 173 दिनों में 12,500 KM तय कर बेटी बचाने का दिया संदेश
बिहार के छपरा की बेटी सविता महतो ने एक कीर्तिमान बनाया है। 173 दिनों में 29 राज्यों का साइकिल से भ्रमण कर उन्होंने बेटी बचाने का संदेश दिया है। यह यात्रा उन्होंने पिछले वर्ष की है। अब वह माउंट एवरेस्ट को 2022 में फतह करना चाहती है, लेकिन इसमें उन्हें आर्थिक परेशानी हो रही है। सविता ने कला संस्कृति मंत्री आलोक रंजन से मदद मांगी है। मंत्री ने मदद का भरोसा दिया है। पानापुर के चौहान महतो की पुत्री सविता ने जम्मू कश्मीर से यात्रा की शुरुआत की। इसके बाद दक्षिण केरल, तमिलनाडु पहुंची। फिर उत्तर पूर्वी राज्यों में गई। अंत में सिक्किम होते हुए 18 जुलाई 2017 को पटना पहुंची। रास्ते में सभी जगहों पर एक-एक दिन बिताया।
छपरा की बेटी सविता महतो
सविता के पिता मछली बेच कर परिवार चलाते हैं
चौहान महतो और क्रांति देवी की पुत्री सविता अपने परिवार के साथ कोलकाता में रहती है। पिता तारकेश्वर में मछली बेच कर परिवार चलाते हैं, लेकिन सविता ने गरीबी के बीच रहकर भी बड़ा सपना देखा और उसे पूरा करने का साहस भी दिखाया। साइकिल यात्रा के दौरान स्कूल प्रबंधन भी उनकी मदद करता है। सविता हिमालय के संतोपथ पर्वत पर जमीन से साढ़े सात हजार मीटर ऊंचाई पर तिरंगा फहरा चुकी है।
एवरेस्ट फतह करने में आर्थिक स्थिति बन रही बाधा
साइकिलिस्ट सविता अभी लद्दाख में है। भास्कर डिजिटल के रिपोर्टर से बात करते हुए उन्होंने बताया कि परिजनों के मदद और हौसला अफजाई के कारण सफलता हासिल हुआ है। आगे एवरेस्ट पर चढ़ाई करना सपना है। इसमें आर्थिक स्थिति बाधा बन रही है। आर्थिक मदद मिलने के साथ अगला पड़ाव एवरेस्ट पर चढ़ाई करना होगा।
19024 फीट पर अपनी साइकिल के साथ सविता
सविता के पिता चौहान महतो बंगाल के सिलीगुड़ी में मछली का व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। बेहद निम्न परिवार से आने वाली सविता का हौसला बहुत मजबूत है। साबित ने सेना द्वारा आयोजित की इवेंट में हिस्सा लिया है।
महिला सशक्तिकरण और खेल को बढ़ावा देना उद्देश्य
सविता ने बताया कि वह पर्वतारोही व साइकिलिस्ट के रूप में सिर्फ अपनी पहचान बनाने के लिए काम नहीं कर रही है, बल्कि उनका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त करने से भी प्रेरित है।
पर्वतारोहण और साइक्लिंग सविता का मुख्य शौक है
उन्होंने बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान वह पहले भी अखंड हिमालय, स्वच्छ हिमालय, कर्तव्य गंगा समेत महिला सशक्तिकरण के संदेश को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चला चुकी है।
सविता महतो के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज
सविता पहले भी वर्ष 2019 में 7120 ऊंचे त्रिशूल पर्वत श्रृंखला को फतह कर चुकी हैं। वर्ष 2018 में देश की 100 प्रतिभाशाली महिलाओं में शामिल होकर सारण को गर्व करने का अवसर दिया था।
उमलिंग पास पर अपनी टीम के साथ सविता
इसके पहले 2018 में उन्होंने बाघा बॉर्डर से भारतीय सेना द्वारा प्रायोजित ट्रांस हिमालय साइक्लिंग इवेंट में 5700 किलोमीटर की यात्रा प्रारंभ की थी। इसके पहले सविता देश के 29 राज्यों में 12500 किलोमीटर का सफर भी साइकिल से तय कर चुकी हैं।
मंत्री कर चुके हैं सम्मानित
सविता ने मीडिया से खास बातचीत में बताया, साइकिल यात्रा के दौरान लोग यह जानकर आश्चर्य चकित हो जाते थे कि मैं बिहार से हूं। मुझे इस बात का गर्व है कि बिहार की हूं।’ बदा दें, उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग से सम्मानित हो चुकी है।
12 से अधिक पर्वतों को कर चुकी फतह
सविता महतो अब तक 12 से अधिक पर्वतों पर फतह कर चुकी हैं। इनमें कामेट पर्वत (7756 मीटर), सतोपंथ(7075 मीटर), स्टोक कांगरी(6121) है। यही नहीं रेनॉक पीक(6831 मीटर), कांगत्से -1(6400 मीटर), गौरीचिन पूर्व(6222 मीटर), जोजांगो(6311 मीटर), कांगत्से -2(6250 मीटर), मणिरंगी(6596 मीटर), त्रिशुल पर्वत(7120 मीटर) शामिल हैं।