70 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर ने अपने घर पर लगा रखे हैं 8000 से भी अधिक पौधे, दिखते हैं जवां

Sureshchandra at his Garden

पौधों को लगाना और उन्हें लगाने के बाद उनका देखभाल करना ही गार्डेनिंग कहलाता है। ये हमें स्वस्थ जीवन शैली के साथ-साथ सकारात्मकता भी प्रदान करता है जिससे आत्मा को शांति मिलती है एवं आयु लंबी होती है।

आज हम आपको एक ऐसे गार्डनर के विषय में बताएंगे जो 70 वर्ष की आयु के हो चुके हैं और उन्होंने अपने गार्डन में 8000 से भी अधिक पौधों को लगाया है। आप उन्हें देखकर अंदाजा नहीं लगा सकते कि उनकी आयु 70 वर्ष हो चुकी है क्योंकि आज भी वह जवां दिखते हैं। आईए उन दिलचस्प गार्डेनर से रु--रू होते हैं

रिटायर्ड इंजीनियर सुरेशचंद्र पटेल (Suresh chandra Patel) गुजरात (Gujrat) से ताल्लुक रखते हैं। अगर आप उनके घर को देखे तो आपको फार्महाउस की अनुभूति होगी। यहां लगभग 8000 से भी अधिक पौधे लगे हुए हैं जिनका अच्छी तरह देखभाल किया जाता है। पौधों के कारण उनके घर में हमेशा सकारात्मकता फैली रहती है और उनका परिवार खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहा है। -

रिटायर्ड होने के बाद बनाया घर फिर लगाया पौधा

जब वह वर्ष 2012 में अपनी नौकरी से रिटायर हुए तब उन्होंने एक घर बनाया। उनका यह घर उनके पुश्तैनी जमीन यानी उनके गांव में बना। उन्हें इस बात का डर था कि कहीं उनके बच्चे गांव में रहना पसंद नहीं करें परंतु उनके साथ-साथ उनके पूरे परिवार को पेड़-पौधों से काफी लगाव है जिस कारण उन्होंने यह निश्चय किया कि उनका पूरा परिवार एक साथ गांव में रहेगा।

 Dr. Binita And Harsha Patel

रखते हैं किसान परिवार से ताल्लुक

वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिस कारण उन्हें शुरू से ही खेती से बेहद लगाव रहा है परंतु उच्च शिक्षा और नौकरी हासिल करने के चक्कर में उनका भी लगाव छूट गया। परंतु जब उन्हें यह अवसर मिला कि वह खेती से जुड़े तब उन्होंने तुरंत उचित निर्णय लिया। आज वह अपनी पत्नी हर्षा पटेल एवं बेटी डॉक्टर विनीता पटेल के साथ गांव में रहते हैं और गांव में उन्होंने अपने गार्डन में फल-फूल तथा सब्जियों को लगाया हुआ है। -

Adenium Collection in Garden

गार्डन में लगें हैं 8 हज़ार पौधे

सुरेशचंद्र ने अपने पुश्तैनी गांव की जिस जमीन पर घर बनाया है, वहां पहले से ही कुछ आम के पेड़ लगे हुए थे। ज़मीन के बीचों-बीच करीबन आधे बीघा ज़मीन में उनका घर बना है और आगे भी तक़रीबन इतना ही बड़ा गार्डन है।

उन्होंने यहां आते ही कुछ और आम के पेड़ कलम से उगाए थे और आज उनके घर के पीछे दो बीघा जमीन में आम सहित कई फलों के पेड़ लगे हैं। उनके घर में चीकू, अमरूद, अनार, आंवला, चार किस्म के केले, सीताफल, स्टारफ्रुट सहित कई फलों के पेड़ लगे हैं। वहीं, घर के सामने उन्होंने सजावटी पौधे लगाए हैं। उनके घर में गुलाब, बोगनवेलिया और अडेनियम की कई किस्म लगी हैं। उन्हें अडेनियम का बेहद शौक है, उनके पास मात्र अडेनियम की ही 500 किस्में हैं।

उनकी बेटी बिनीता कहती हैं, “मेरे माता-पिता दोनों को ही गार्डनिंग का शौक है, इसलिए हम बचपन से ही उन्हें पौधे उगाते हुए देखते रहे हैं। जहां-जहां भी हम क्वार्टर में रहे, वहां तो उन्होंने काफी पेड़-पौधे उगाए ही है और आज हमारे घर में भी तक़रीबन सभी प्रकार के पौधे हैं।

उनके घर में औषधीय पौधों से लेकर मौसमी सब्जियां तक, सब कुछ मिल जाएगा। गार्डन को सजाने में सुरेशचंद्र की पत्नी हर्षा भी खूब मेहनत करती हैं। गार्डनिंग में उन दोनों का समय बड़े आराम से कट जाता है और उनकी सेहत भी काफी अच्छी रहती है। सुरेशचंद्र कहते हैं, “मुझे रिटायर हुए 11 साल हो गए हैं, फिर भी कई लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं कब रिटायर हो रहा हूं। मेरी इतनी अच्छी सेहत का पूरा श्रेय मैं गार्डनिंग को ही देता हूं।

इंजीनियर दिमाग के साथ बखूबी सजाया गार्डन

चूंकि वह एक इंजीनियर हैं, इसलिए उन्होंने बड़े सलीके से दिमाग लगाकर पौधे लगाए हैं। उनके घर से मेन गेट तक एक रोड बनी है, जिसके आस-पास उन्होंने ऐसे पौधे लगाए हैं, जिसे कटिंग करके एक अच्छा शेप दे सकें। कहीं उन्होंने मेहंदी के पेड़ को ग्रीन वॉल की तरह डिज़ाइन करके लगाया है, तो कहीं एरिका पाम जैसे सजावटी पौधों से सजाया है।

उनके घर में एक छोटा पॉलीहाउस भी बना है, जिसमें उन्होंने अपने अडेनियम के पौधे रखने के लिए खुद ही एक स्टैंड डिज़ाइन किया है। अपने गार्डन के साथ-साथ, उन्होंने अपने घर के पास भी सफाई और पौधरोपण का पूरा ध्यान रखा है। वह हर मौसम में अपने गार्डन को अलग-अलग तरीके से सजाते रहते हैं।

प्रकृति से इस परिवार का लगाव देखकर, उनके आस-पास भी कई लोगों ने अपने घर में सुंदर गार्डन बनाना शुरू कर दिया है। उनकी बेटी डॉ. बिनीता भी अपने क्लिनिक में ढेरों पौधे लगाती हैं।

आज उनकी रिटायरमेंट को 11 साल हो चुके हैं और उनकी आयु भी 70 वर्ष के करीब हो चुकी है फिर भी आप उनको देखकर यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि वह कितने दिन के हैं। वह अपनी स्वास्थ्य का श्रेय अपने बगीचे को देते हैं।

घर को सजाया है बेहतरीन तरीके से

उनके घर पर आपको काफी अच्छी तरह से सजाए हुए कटिंग वाले पौधे मिलेंगे। उन्होंने मेहंदी को भी काफी अच्छी तरह डेकोरेट करके तैयार किया है। उन्होंने अपने घर को सजाने में एरिका पाम का भी उपयोग किया है। बतौर इंजीनियर होने के नाते उन्होंने अपने घर का को सजाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

Sureshchandra Enjoying Gardening

है पॉलीहाउस भी

उनके यहां एक पॉलीहाउस भी है जिसमें उउन्होंने स्टैंड डिजाइन खुद किया है जिस ताकि अडेनियम के पौधे रखे जा सकें। गार्डन के अतिरिक्त उनके छत पर आपको विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे देखने को मिल जाएंगे। आज उनकी गार्डेनिंग को देखकर उनके आसपास के लोगों के मन में पौधों के प्रति काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है। इसीलिए उनके आसपास के लोग भी अपने घरों को पौधों से सजा रहे हैं। उनकी बेटी एक डॉक्टर है और उन्होंने अपने क्लीनिक में भी पौधों को लगाया हुआ है। आज उनका परिवार पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ लोगों को भी इसके लिए जागरूक करने में सक्षम हो रहा है।

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