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अब खेत के कोने-कोने में पहुंचकर मिट्टी को सेहतमंद करेगा बैक्टीरिया

आइआइटी के पूर्व शोध छात्र ने तैयार किया छिड़काव यंत्र और फाइबर ट्रैक्टर में हैरो की तरह लगेगी मशीन छह इंच नीचे तक की मिïट्टी को करेगा स्वस्थ।

मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ाकर खेत को सेहतमंद बनाना अब अधिक आसान और सस्ता होगा। आइआइटी के पूर्व शोध छात्र डॉ. संदीप पाटिल ने बैक्टीरिया के छिड़काव के लिए सेलुलोज पॉलीमर फाइबर और स्पिनिंग मशीन बनाई है, जिससे खेत के कोने-कोने तक तो बैक्टीरिया पहुंचेगा ही, जमीन के छह इंच अंदर तक क्रिया कर मिट्टी को सेहतमंद बनाएगा।

अभी तक ये बैक्टीरिया खेतों में खाद के साथ डाले जाते थे और महज एक तिहाई खेत की मिïट्टी ऊपर से ही मजबूत कर पाते थे। मशीन बैक्टीरिया के मिश्रण को संतुलित तरीके से खेत के हर हिस्से तक उचित रूप में पहुंचाएगी। इस विधि से खेत में नाइट्रोजन, फास्फोरस पोटेशियम सहित अन्य तत्वों की मात्रा संतुलित की जा सकेगी। अभी मिïट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए बैक्टीरिया को जैविक खाद में मिलाकर हाथ से खेत में फेंका जाता है। इससे बैक्टीरिया का प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं पड़ पाता। ऐसे में नैनो पॉलीमर फाइबर मशीन बहुत काम की होगी।

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कल्टीवेटर जैसी है मशीन

डॉ. संदीप पाटिल के अनुसार, स्पिनिंग मशीन कल्टीवेटर की तरह है। इससे नैनो फाइबर का स्प्रे होता है। इस विधि से बैक्टीरिया का छिड़काव करखेत की उत्पादन क्षमता 30 फीसद तक बढ़ाई जा सकती है। खेतों में इसका प्राथमिक परीक्षण हो चुका है। अब मशीन को किसानों के लिए तैयार किया जा रहा है।

मिट्टी में घुलनशील है यह पॉलीमर

डॉ. संदीप पाटिल ने बताया कि सेलुलोज पॉलीमर से बना नैनो फाइबर मिट्टी में घुल जाता है। इस विधि से केवल एक लीटर नैनो फाइबर बैक्टीरिया का मिश्रण एक एकड़ खेत के लिए पर्याप्त है। जबकि जैविक खाद के साथ डालने पर 50 किलो मिश्रण लगता है। ऐसे में मिïट्टी की सेहत मजबूत करने की लागत आधी रह जाएगी।

विश्व की पहली मशीन

डॉ. पाटिल का कहना है कि -स्पिन नैनोटेक स्टार्टअप के अंतर्गत मेक इन इंडिया की तर्ज पर यह मशीन तैयार की गई है। तकनीक विकसित करने में उन्हें साल भर का समय लगा। उनका दावा है कि यह विश्व की पहली ऐसी मशीन है जिससे सेलुलोज पॉलीमर फाइबर के साथ बैक्टीरिया का खेतों में छिड़काव होगा।