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कैसे एक होम्योपैथक डॉक्टर ने शुरू की ऑर्गेनिक खेती और बन गए ‘फसलों के डॉक्टर’
जिस तरह हमारे स्वास्थ्य पर दवाइयों का बुरा प्रभाव पड़ता है ठीक उसी प्रकार खेतों में फसलों को भी केमिकल युक्त रसायनों से हानि पंहुचती है। आज हम आपको एक ऐसे शख़्स से रूबरू कराएंगे जिन्होंने खेती के प्रति इतना लगाव दिखाया कि वो अपने क्षेत्र में फसलों के डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध हुए हैं।
पेशे से हैं होमियोपैथिक डॉक्टर
डॉ. विकास वर्मा (Vikash Varma) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से ताल्लुक रखते हैं। वह पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर (Homeopathy Doctor) हैं लेकिन उनका लगाव खेती से इतना हुआ कि उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने बैचलर ऑफ होम्योपैथी मेडिसिन की उपाधि हासिल की और कार्य प्रारंभ किया।
ऑर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत
उन्होंने प्रैक्टिस तो प्रारंभ कर दिया लेकिन उन्हें यह एहसास हुआ कि यहां कुछ चीजों की कमी खल रही है। इसकी तलाश में उन्होंने खेत-खलिहान का दौरा किया और ऑर्गेनिक फार्मिंग से
बनाया होम्योपैथी दवाइयों का मिश्रण
उन्होंने देखा कि ऑर्गेनिक फार्मिंग में बिना पेस्टिसाइड के फसलों को कीड़ों से बचाना कठिन हो रहा है। तब उन्होंने होम्योपैथिक दवाइयों का मिश्रण तैयार किया और उनका उपयोग कीटनाशक के तौर पर किया। अब यहीं से सफर प्रारंभ हुआ एक होम्योपैथिक डॉक्टर का जो फसल का डॉक्टर बना। अब उन्होंने अपनी दवाइयों का उपयोग फसलों पर किया और फिर जो व्यक्ति ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रहे थे उन्हें यह कीटनाशक नि:शुल्क देने लगे।
उगा रहे काले गेंहू
अब वहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाकर अपने सपने को साकार कर रहे हैं। अब बरेली के किसान रिठौरा के नजदीक माधव अग्रवाल का विनायक कृषि फॉर्म में गेहूं, लेमन ग्रास, धान सब्जी और मेथी आदि को उगा रहे हैं। उन्होंने गोरखपुर से काले धान के बीज को मंगवाया और उसकी भी खेती की।
मिला फसल से सूड़ी हटाने का समाधान
जब वहां के एक किसान माधव वर्मा ने धान की बुवाई की तो उसके उपरांत उन्होंने देखा कि उसमें भेदक सूड़ी का प्रकोप बढ़ने लगा। तब उन्होंने इसे खत्म करने के लिए मार्केट से ऑर्गेनिक उर्वरक खरीदा परंतु वह इससे निराश हुए अब उन्हें लगा कि अब मेरा फसल बर्बाद होगा। तब उन्हें डॉ विकास वर्मा के विषय मे जानकारी मिली और उन्होंने वहां जाकर अपनी सारी समस्या बताई। डॉक्टर ने उन्हें होम्योपैथी ऑर्गेनिक दवा दी जिसका छिड़काव उन्होंने अपने फसलों पर किया जिससे उनके फसल की उपज होने लगी और सूड़ी खत्म हो गया।
देश के हर क्षेत्र में होती दवा की डिमांड
डॉक्टर विकास वर्मा ने यह जानकारी दिया कि वह अपनी दवाइयों का प्रयोग पहले अपने काम पर कर चुके हैं। तब वह सरसों, हल्दी, अलसी, अमरू, गेहूं, चना, उड़द, मसूर, गन्ना एवं लेमनग्रास आदि की खेती कर रहे हैं। उनकी दवा भारत के कई क्षेत्रों में जाती है।
फसल, पशुओं और इंसानों पर करता है दवा असर
उनकी होम्योपैथिक दवा पशु और इंसानों पर भी काम करती है। इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं उन्हें मजबूती मिलती है। इसके साथ हीं यह दवा पौधों को इम्यूनिटी भी प्रदान करती है आप अपनी फसलों की समस्या होम्योपैथिक ऑर्गेनिक उर्वरक के द्वारा दूर कर सकते हैं।
सम्पर्क सूत्र : किसान साथी यदि खेती किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें kurmiworld.com@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फ़ोन नम्बर +91 9918555530 पर कॉल करके या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं Kurmi World के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल ।
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