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इंदौर के इस किसान ने अपने आलू के उत्पादन से सबको चौंकाया, एक हेक्टेयर में उपजाए 450 क्विंटल
नई तकनीक का इस्तेमाल कर अब किसान अपनी आय बढ़ा रहे हैं। इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के ग्राम चित्तोड़ा के उन्नत कृषक श्री भारत पिता सूरत सिंह पटेल भी नई तकनीकों का इस्तेमाल कर एक हेक्टेयर में 450 क्विंटल से भी अधिक आलू का उत्पादन किए हैं। हालांकि इस क्षेत्र में आलू का औसत उत्पादन 240-300 क्विंटल/हेक्टेयर होता है। श्री पटेल नई तकनीक के साथ ही कड़ी मेहनत भी किए हैं, जिसका परिणाम हैं कि अब उनके उत्पाद को देख आस-पास के सभी किसान हैरान हैं।
अच्छे बीजों का चयन जरूरी है
श्री भारत पटेल बताते हैं कि इस सीजन में 9 हेक्टेयर में आलू के साथ प्याज, लहसुन और गेहूं भी बोए हैं। बेहतर फसल के लिए अच्छे बीजों का चयन बहुत जरूरी है। उन्होंने ग्वालियर और मेरठ के आलू अनुसंधान केंद्र से आलू के ब्रीडर बीज बुलाए थे। उन्होंने ना केवल ज्योति कुफरी बल्कि अन्य 5-6 किस्में भी लगाई थी। आलू का औसत उत्पादन 240-300 किवंटल/हेक्टेयर होता है, जबकि श्री पटेल ने 400-450 क्विंटल/हेक्टेयर का औसत उत्पादन किए हैं।
उत्पादन में स्प्रिंकलर का भी योगदान
श्री पटेल को उद्यानिकी विभाग से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत स्प्रिंकलर के लिए 40 प्रतिशत अनुदान मिला था। इस बेहतर उत्पादन में स्प्रिंकलर का भी बड़ा योगदान है। पटेल कहते हैं कि हमारी मालवा की मिट्टी और जलवायु आलू की फसल के लिए बहुत अच्छा है, जिसमें अगर किसान सही तकनीक और वैज्ञानिक विधि से खेती करें तो बेहतर आलू का उत्पादन मिल सकता है।
अन्य लोगों से अधिक उत्पादन
श्री पटेल कहते हैं कि श्री टीएस वास्केल, उपसंचालक उद्यानिकी, इंदौर ने अपने अमले के साथ खेत का मुआयना कर आलू की फसल का निरीक्षण किया। श्री वास्केल कहते हैं कि आमतौर पर प्रदेश के आलू उत्पादक किसान 60-70 क्विंटल/बीघा और 240-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन करते हैं, वहीं श्री पटेल द्वारा आधुनिक तकनीक, सरकारी मदद और अपनी मेहनत से 9 हेक्टेयर में 400-450 किवंटल हेक्टेयर से ज्यादा का उत्पादन किए हैं।
विभागीय टीम हुई आश्चर्यचकित
टीम ने खेत में जाकर कई बार आलू के उत्पाद का लेखा-जोखा किया। गणना के बाद उत्पादन का जो यह आंकड़ा (400 से 450 किवंटल /हेक्टेयर) देखकर विभागीय टीम भी आश्चर्यचकित रह गई। ना केवल आलू का आकार बल्कि उनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है। इसके जरिए किसान के लिए आत्मनिर्भर बनने का बेहतर विकल्प है। बता दें कि श्री भारत पटेल कृषि में हमेशा कुछ न कुछ नवाचार करते रहते हैं। इसके पहले साल 2017 में उन्हें सोयाबीन में श्रेष्ठ उत्पादन के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था।
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