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कैसे, कब, कहां और कौन भर सकता है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फॉर्म

खरीफ फसलों की बुवाई का समय आ गया है और यही सही समय है अपनी फसल का बीमा करवाने का, ताकि भविष्य में फसल पर अगर कोई आपदा आ जाए और फसल बर्बाद हो जाए, तो उसकी भरपाई हो सके। लेकिन कई बार किसानों को सही जानकारी नहीं होने के कारण वो अपनी फसल का बीमा नहीं करवा पाते हैं, इस लिए आज हम आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पूरी जानकारी दे रहे हैं कि किसान कैसे अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।
कहां से लें फॉर्म और कहां जमा करें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pradhan mantra fasal bima yojana) के लिए फॉर्म भरने के दो तरीके हैं। पहला – ऑफ लाइन (बैंक जाकर) और दूसरा ऑनलाइन।
ऑफ लाइन आवेदन आपके नजदीक जो भी बैंक है उस बैंक में जाकर आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pradhan mantra fasal bima yojana) का फॉर्म लेकर वहीं पर जमा कर दीजिए
फॉर्म भरने के लिए क्या-क्या कागजात चाहिए ?
- आवेदक का एक फोटो
- किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- अगर खेत आपका खुद का है तो खेत का खसरा नंबर / खाता नंबर का पेपर जरूर साथ लें।
- खेत पर फसल बोई है, इसका प्रूफ। प्रूफ के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों से एक पत्र लिखवाकर जमा कर सकते हैं। हर राज्य में ये व्यवस्था अलग अलग है। नजदीकी बैंक जाकर इस बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।
- अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल बोई गई है, तो खेत के असली मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी साथ जरूर लें। इसमें खेत का खरसा नंबर / खाता नंबर जरूर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए।
- अगर आप चाहते हैं कि फसल को नुकसान होने की स्थिति में पैसा सीधे आपके बैंक खाते में जाए, तो एक कैंसिल्ड चैक (Cancelled Cheque) भी लगाना जरूरी होगा।
कुछ अन्य खास बातें
- फसल बोने के अधिकतम 10 दिनों के अंदर ही आपको प्रधानमंत्री बीमा फसल योजना (pradhan mantra fasal bima yojana) का फॉर्म भरना जरूरी हैं।
- फसल कटाई से लेकर अगले 14 दिनों तक अगर आपकी फसल को प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान होता है, तो भी आप इस बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- इस योजना में आपको फसल खराब होने पर तभी बीमा की रकम मिल सकेगी जब आपकी फसल किसी भी प्राकृतिक आपदा के ही कारण खराब हुई हो। जैसे औला, जलभराव, बाढ़, तूफान, तूफानी बरसात, जमीन धंसना इत्यादि।
- कपास की फसल का बीमा करवाने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 62 रुपये प्रीमियम के रूप में जमा करवानी होगी। जबकि 505.86 रुपये के हिसाब से धान की फसल के लिए, रूपए 222.58 रुपये के हिसाब से बाजरा के लिए तथा मक्का की फसल के लिए 202.34 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रीमियम जमा करवाना होगा।
अगर खेत किराए पर लिया गया है तो?
देश में करोड़ों ऐसे किसान हैं जो खेती के लिए खेत किराए पर लेते देते हैं। किराए (बटाई) पर खेत लेकर खेती करने वाले किसानों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।