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शिमला मिर्च कराएगा मुफ्त में केला की किसानी
केला के साथ सहफसली शिमला मिर्च में आए फल को देखते किसान पंकज वर्मा
किसानी अब किताबी नहीं रह गई। तजुर्बे से आप बेहतर किसानी कर लोगों को नई राह दिखा सकते हैं । सोहावल ब्लाॅक के कलाफरपुर गांव के पंकज वर्मा ने यह कर दिखाया। केला के साथ सहफसली शिमला मिर्च की खेती से उन्होंने शिमला मिर्च की लागत ही नहीं निकाली बल्कि वह केला किसानी की भी लागत निकाल चुके हैं। जुलाई के अंतिम सप्ताह में केला का पौधा मिट्टी का बेड डेढ़ फिट चौड़ा व छह इंच ऊंचा बना छह फीट के अंतर पर केला का पौधा लगाया, उसी के बीच में दो पौधे शिमला मिर्च के सितंबर में लगाए। नवंबर के अंत से शिमला मिर्च मंडी भेजने लगे। मई तक इसकी बिक्री करेंगे।
मंडी भेजने के लिए तैयार शिमला मिर्च
पंकज ने बताया कि सीतापुर में उन्होंने केले के साथ शिमला मिर्च की किसानी देखा था। किसानी में नयापन होने से पसंद आया। उन्होंने भी केला के के साथ सहफसली शिमला मिर्च की खेती एक एकड़ में शुरू की।नवंबर के अंत से जब शिमला मिर्च मंडी जाने लगा तो उसकी बिक्री ने चौंका दिया। चार महीने की बिक्री से शिमला मिर्च की लागत के साथ केले की लागत भी मई महीने की बिक्री से निकलने का दावा किया।
पंकज वर्मा दो हेक्टेयर में केले की खेती करते हैं। सहफसली शिमला मिर्च के रूप में यह उनका पहला प्रयोग है। उनका मानना है की नौकरी की तलाश में गांव से पलायन कर दूसरे प्रदेशों में जाने से बेहतर नए-नए प्रयोगों के जरिए किसानी से स्वावलंबी बनने की राह ज्यादा आसान है। धैर्य की जरूरत है। नफा- नुकसान हर कारोबार का हिस्सा है। फिर मंडी के उतार-चढ़ाव से किसानी कैसे अछूती। यह समझ आ गया तो किसानी सबसे फायदेमंद है।
सम्पर्क सूत्र : किसान साथी यदि खेती किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें kurmiworld.com@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फ़ोन नम्बर +91 9918555530 पर कॉल करके या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं Kurmi World के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल ।
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