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घर की छत को ही बना दिया खेत, 10 साल से पूरा परिवार खाता है जैविक फल और सब्जियां

पढ़िए यह कहानी और जानिए कैसे पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से बागवानी करके, अपने

परिवार को जैविक फल-सब्जियां खिला रहे हैं तुम्मेटि रघोत्तम रेड्डी।

यदि आप बागवानी करते हैं तो केवल आप अपने घर की हरियाली बढ़ाते हैं बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करते हैं। शहरों में तो लोग जगह के अभाव में अपने छतों पर बागवानी करते हैं। ऐसे ही लोगों में एक हैं तेलंगाना के तुम्मेटि रघोत्तम रेड्डी। वह पिछले 10 वर्षों से अपने घर की छत पर बागवानी कर रहे हैं। उनके बगीचे में कई तरह की सब्जियां, फल, फूल और औषधीय पौधे आपको मिल जायेंगे।

किसान परिवार से संबंध रखने वाले रघोत्तम के लिए बागवानी ज्यादा मुश्किल नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपने अनुभव से ऐसे तरीके सीखे हैं, जिनसे कोई भी छत या बालकनी पर अपने परिवार के लिए जैविक सब्जियां उगा सकता है।

उन्होंने बेटर इंडिया को बताया कि स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही वह नौकरी करने लगे थे। हैदराबाद के नारापल्ली में रहने वाले रघोत्तम को बागवानी के अलावा लिखने का भी शौक रहा है इसलिए रिटायरमेंट के बाद वह अपने इस शौक पर भी काम करने लगे। उनकी लिखी कई तेलुगु किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

उन्होंने बताया, “मुझे खुद किचन गार्डनिंग करते हुए 10 साल से ज्यादा समय हो गया है। मैंने अपने परिवार के साथ सिर्फ करी पत्ता से बागवानी की शुरुआत की थी और आज अपनी छत पर 1230 वर्गफीट में कई तरह की सब्जियां और फल उगा रहा हूं।

Thummeti Raghothama Reddy

बाजार से नहीं खरीदते हैं सब्जियां

रघोत्तम कहते हैं वह बाजार से सब्जी नहीं खरीदते हैं। हर मौसम में वह इतनी सब्जियां उगा लेते हैं कि उन्हें बाजार से सब्जी खरीदनी नहीं पड़ती है। उनका कहना है, “मैंने अपना बगीचा यही सोचकर लगाया था कि रसोई की सभी जरूरतें बगीचे से पूरी हो जाए।

उनके बगीचे में लगने वाली सामान्य सब्जियों में भिंडी, गोभी, टमाटर, हरी मिर्च, पत्तागोभी, बीन्स, करेला, तोरई, कुंदरू, बैंगन, लौकी आदि शामिल हैं। सभी सब्जियों की अलग-अलग किस्में वह लगाते हैं। जैसे हरी भिंडी के साथ-साथ वह लाल भिंडी भी लगाते हैं। फलों में उनके यहां निंबू, ड्रैगन फ्रूट, अमरुद, सीताफल, अनार, चीकू हैं। इसके अलावा, वह कई तरह का हरा साग भी लगाते हैं। उनका कहना है कि अपनी जरूरत की सभी सब्जियां वह मौसम के हिसाब से छत पर लगाते रहते हैं।

शुरुआत में, टेरेस गार्डन सेटअप करने में लगभग 20 हजार रुपए का खर्च आया था। मैंने एक बार में यह सभी पैसे निवेश नहीं किए बल्कि धीरे-धीरे गार्डन को बढ़ाया। आज गार्डन की वजह से मुझे बाहर से कोई सब्जी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। यदि हिसाब लगाया जाए तो 10 साल में हमारे टेरेस गार्डन से 25 क्विंटल सब्जी का उत्पादन हुआ है। इसलिए मैं गर्व से कह सकता हूं कि जितना हमने टेरेस गार्डन में निवेश किया था, सब वसूल लिया है। इसके बाद सिर्फ हमारी मेहनत बचती है, जिसके बदले मेरा पूरा परिवार इतने सालों से जैविक सब्जियां खा रहा है,” उन्होंने कहा।

 

Growing Vegetablles and Fruits in Terrace Garden

दूसरे लोगों के लिए बने प्रेरणा

रघोत्तम अपने गार्डन में पौधे लगाने के लिए प्लास्टिक के बड़े ड्रम, बाल्टी और कंटेनर का प्रयोग करते हैं। वह बगीचे के लिए पॉटिंग मिक्स खुद तैयार करते हैं। इसके अलावा, पौधों के आधार पर वह उन्हें खाद और उर्वरक देते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे पेड़-पौधे लगाने के लिए पारम्परिक तरीका पसंद है। हमारे बड़े बुजुर्ग सिर्फ मिट्टी और गोबर की खाद का इस्तेमाल करते थे। मैं भी अपने बगीचे में मिट्टी और गोबर की खाद का इस्तेमाल करता हूं।

गार्डनिंग की वजह से रघोत्तम सिर्फ हैदराबाद बल्कि तेलंगना और आंध्र प्रदेश में मशहूर हैं। उनका दावा है कि पिछले दो सालों में ही लगभग 500 लोगों ने उनके बगीचे का दौरा किया है। बहुत से लोग उनसे फेसबुक के माध्यम से जुड़कर बागवानी कर रहे हैं। विजयवाड़ा के रहने वाले सीताराम प्रसाद का कहना है, “रघोत्तम हमेशा बागवानी के प्रति लोगों को जागरूक करते रहते हैं। वह हम सबकी मदद करते हैं। बागवानी पर अपनी किताब प्रकाशित करने से पहले उन्होंने कई अलग-अलग प्रकाशनों के लिए लेख भी लिखे हैं। गार्डनिंग के बारे में वह हमेशा नई जानकारी देते रहते हैं।

He has written a book

टेरेस गार्डेन से 10 साल में उगा चुके हैं 25 क्विंटल सब्जी

रघोत्तम ने बताया की चेरेस गार्डेन सेट अप करने में लगभग 20 हजार रुपए का खर्च आया. हालांकि उन्होंने एक बार में निवेश नहीं किया. पर अब उन्हें बाहर से सब्जी खरीदना नहीं पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अगर हिसाब लगाया जाए तो 10 साल में उनके टेरेस गार्डेन से 25 क्विंटल सब्जियां उगा चुके हैं. उन्होंने टेरेस गार्डेन के लिए जो निवेश किया था वौ पेसे वसूल हो गये. जो मेहनत लगी उसके बदले पूरा परिवार जैविक सब्जियां खा रहा है।

उन्होंने अपने टेरेस गार्डेन में पौधे लगाने के लिए प्लास्टिक के बड़े ड्रम, बाल्टी और कंटेनर का प्रयोग किया हैं. वह अपने बगीचे में मिट्टी और गोबर की खाद का इस्तेमाल करते हैं।

आज गार्डेनिंग करते हुए उनकी अगल पहचान बन गयी है, रघोत्तम सिर्फ हैदराबाद बल्कि तेलंगना और आंध्र प्रदेश में मशहूर हैं. उनका दावा है कि पिछले दो सालों में ही लगभग 500 लोगों ने उनके बगीचे का दौरा किया है. बहुत से लोग उनसे फेसबुक के माध्यम से जुड़कर बागवानी कर रहे हैं।

बागवानी के टिप्स

रघोत्तम का कहना है कि आप बागवानी की शुरुआत कम से कम जगह में भी कर सकते हैं। आप बस अपने आसपास किसी जगह से मिट्टी और गोबर की खाद का इंतजाम करके पॉटिंग मिक्स बना लें। गमलों के लिए आप पुराने प्लास्टिक के डिब्बों या बोतलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। शुरुआत में, आप आसान पौधे लगा सकते हैं जैसे फूलों के पौधे या फिर माटर, हरी मिर्च गाना आसान रहता है। आप एक-दो पौधों से शुरुआत कीजिये और देखते ही देखते आपका बगीचा तैयार हो जाएगा।

बागवानी के अनुभवों के आधार पर लिखी किताब

बैटर इंडिया के मुताबिक रघोत्तम को शुरू से ही खेती का शौक था, पर पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी में चले गये। इसलिए अब रिटायरमेंट के बाद खेती कर रहे हैं।

उन्होंने बागवानी में अपने अनुभवों के आधार किताब भी प्रकाशित की है, जिसका नाम है- ‘Terrace Garden: Midde Thota’. इसके अलावा उनकी लिखी कई तेलुगु किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं।

रघोत्तम रेड्डी पिछले 10 सालों से किचन गार्डेनिंग कर रहे हैं, उन्होंने करी पत्ता से बागवानी की शुरुआत की थी. आज उनके पास 1230 वर्गफीट में फैला हुआ गार्डेन है, जहां वो सब्जियां और फल उगाते हैं।

यदि गार्डनिंग को लेकर आप रघोत्तम से संपर्क करना चाहते हैं तो उनके फेसबुक प्रोफाइल (https://www.facebook.com/ragotamareddy.tummeti) पर जा सकते हैं

सम्पर्क सूत्र : किसान साथी यदि खेती किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें kurmiworld.com@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फ़ोन नम्बर +91 9918555530 पर कॉल करके या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं Kurmi World के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल ।

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