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गुजरात के इस दम्पति ने नौकरी छोड़ शुरु किया मधुमक्खी पालन का काम, अब लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं

हमलोगों ने महसूस किया होगा कि आज के समय में नई पीढ़ी के कुछ लोग जो कृषि के क्षेत्र में कुछ नया करने का चाहत रखते हैं आधुनिक खेती के तरफ ध्यान दे रहे हैं। यह साबित भी हो गया है कि आधुनिक खेती तथा छोटे-मोटे कारोबर के सहारे भी अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है।

आज हम बात करेंगे एक ऐसी महिला की, जिन्होनें शिक्षिका की नौकरी छोड़ अपने पति के साथ जैविक खेती और मधुमक्खी पालन शुरु किया, और आज के समय में वे दोनों अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।

तो आइए जानते हैं उस महिला और उसके कारोबार से जुड़ी सभी जानकारियां:-

कौन है वह महिला?

गुजरात (Gujrat) के रहने वाले हैं। हिमांशु पटेल एक मेकेनिकल इंजीनियर थे और वे जेएसडब्ल्यू पावर प्लांट में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम करते थे। और इनकी पत्नी तन्वी एक शिक्षक थी। यह दोनों दंपत्ति अपने खेतों में जैविक तरीके से खेती करना चाहते थे। इसीलिए इन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर जैविक तरीके से खेती करने का मन बना लिया। जब इन्हें पता चला कि वे दोनों जिस किसान को अपनी खेत खेती करने के लिए दिए थे वह किसान उस खेत में कार्बनिक खाद का प्रयोग कर रहा था तथा खेतों में विषैले पदार्थ का छिड़काव करता था। तब उन्होंने मन बना लिया कि वे अपने खेतों में खुद जैविक तरीके से खेती करेंगे।

 

नौकरी छोड़ शुरु की ऑर्गेनिक खेती

आज के समय में ऑर्गेनिक फार्मिंग का क्रेज बढ़ गया है इसके साथ हीं तन्वी पटेल (Tanvi Ben Patel) और उनके पति ने यह तय किया कि थोड़ी सी जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग की जाए। इसके बाद साल 2017 में उनलोगों ने गुजरात के पाटन में ऑर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत की। पहली बार फसल अच्छी हुई और प्रोडक्शन भी बढ़िया हुआ, लेकिन बाद में दिक्कत होने लगी। दरअसल फसल के फूलों के ऊपर कीड़े लग रहे थे क्यूंकि वे लोग फसल पर पेस्टिसाइड का उपयोग नहीं करते थे, इसलिए कीड़े को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।

मधुमक्खी पालन का मिला सुझाव

फसल पर कीड़े की परेशानी से जुझ रहे तन्वी बेन पटेल और उनके पति को किसी ने सुझाव दिया कि अगर मधुमक्खी पालन की जाए तो इन कीड़ों को फैलने से रोका जा सकता है। इसके बाद उनलोगों ने राजस्थान से मधुमक्खीयों के 10 बॉक्स मंगाए और खेत के बीच रख दिए। इसका फायदा यह हुआ कि फसल पर कीड़े लगना बंद हो गए और पहले ही महीने शहद का प्रोडक्शन भी अच्छा खासा हो गया। तब उनलोगों के मन में यह बात आई कि शहद का बिजनेस भी आसानी से किया जा सकता है।

 

शुरु की मधुमक्खी पालन

इसके बाद तन्वी बेन ने मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने का मन बनाया, इसके लिए वे ट्रेनिंग लेने ‘खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन, अहमदाबाद’ गई, जहाँ से उन्होंने इसकी ट्रेनिंग ली और दो बॉक्स के साथ अपना पहला कदम बढ़ाया। इसके बाद बेहतर नतीजे देख, उन्होंने करीब चार लाख की लागत से सौ बॉक्स खरीदे। इस तरह उनकी आमदनी अच्छी-खासी हो गई। आज के समय में उनके पास 300 छत्ते हैं, जिससे करीब 9 टन शहद का उत्पादन होता है।

 

सोशल मीडिया के जरिए बेचती है शहद

तन्वी और हिमांशु (Tanvi and Himanshu) अपने इस मधुमक्खियों के शहद को सोशल मीडिया के जरिए बेचते हैं। इन दोनों ने अपने व्यवसाय को एक ब्रांड बना लिए हैं। इनका यह ब्रांड “स्वध” के नाम से चलता है। तन्वी और हिमांशु ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम किया है। वे लोग अपने शहद के व्यवसाय को ज्यादा बढ़ाने के लिए आस-पास के व्यापारियों से संपर्क करके उन्हे अपना उत्पादन बेचते हैं।

अच्छी है कमाई

वर्तमान में तन्वी और हिमांशु के पास लगभग 300 मधुमक्खी के छत्ते हैं। यह दोनों प्रत्येक साल लगभग 9 टन शहद निकालते हैं। इसे व्यवसायों के पास बेचकर प्रत्येक साल 12 लाख रूपये की कमाई करते हैं। यह दोनों मधुमक्खी पालन (Beekeeping) जैविक तरीके (Organic Method) से करते हैं। दोनों दंपति अपने इस काम में काफी मेहनत और लगन के साथ करते हैं।

 

 

लोगों के लिए बने प्रेरणा

नौकरी छोड़ जैविक खेती और मधुमक्खी पालन करने वाले तन्वी बेन और हिमांशु पटेल (Tanvi Ben and Himanshu Patel) ने अपने मेहनत के बदौलत सफलता हासिल करते हुए समाज के लोगों का अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करवाया है। उन्होंने अपने मेहनत और सफलता से समाज को इस बात से अवगत कराया है की अगर सही तरीके से खेती और कारोबार में भी ध्यान दिया जाए तो यह फायदे का सौदा है तथा इसके सहारे अच्छी कमाई की जा सकती है।

सम्पर्क सूत्र : किसान साथी यदि खेती किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें kurmiworld.com@gmail.com पर ईमेल लिखकर या फ़ोन नम्बर +91 9918555530 पर कॉल करके या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं Kurmi World के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल ।

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