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3 सरकारी नौकरी छोड़कर अपनाया ऑर्गेनिक खेती, फसल उत्पादन के साथ करते हैं बङे स्तर पर गोबर गैस का निर्माण

हमने अपने बुजुर्गों को अक्सर कहते हुए सुना है कि “अगर किसी के घर में एक भी शख्स गर्वमेंट जॉब करता है तो उसके घर की कायापलट जाती है।” लेकिन आज के दौर में कम्पटीशन का एग्जाम इतना टफ हो चुका है कि गर्वमेंट जॉब का होना और भगवान से मुलाकात होना एक ही है। ऐसे में अगर कोई शख्स गर्वमेंट जॉब को छोड़ खेती की तरफ रुख मोड़े तो लोग उसे बहुत भला-बुरा कहेंगे और उसे मंदबुद्धि समझेंगे। परन्तु जो शख्स ये जानता है कि खेती घाटे का सौदा नहीं वह जरूर इस क्षेत्र में कदम बढ़ाएगा और सफलता हासिल करेगा।

खेती कोई घाटे का सौदा नहीं है इसे साबित किया है जयराम गायकवाड़ (Jayram Gaikawad) ने, जो आज खेती से 35 लाख रुपए हर वर्ष कमाते हैं। उन्होंने 3 गर्वमेंट जॉब को छोड़ा और तब खेती के क्षेत्र में कदम रखा। पहले उनके यहां ट्रेडिशनल खेती होती थी लेकिन उन्होंने ऑर्गेनिक खेती (Organic farming) को अपनाया और इसमें अगल पहचान बनाई। साथ ही वह गोबर गैस का निर्माण करते हैं जिसका उपयोग उनके क्षेत्र में ईंधन के रूप में होता है।

तो आइए जानते हैं उस किसान से जुड़ी सभी जानकारियां:-

जयराम गायकवाड़ (Jayram Gaikawad)

हम बात कर रहे हैं किसान जयराम गायकवाड़ (Jairam Gayakvad) की, जो मूल रूप से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले के बघोली गांव के रहने वाले हैंं। उनकी उम्र 54 साल है। उनका परिवार पूरी तरह से खेती पर निर्भर है। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने के बाद भी उन्होंने पढाई में कोई कसर नहीं छोड़ा।

सरकारी नौकरी छोड़ शुरु किया ऑर्गेनिक खेती

54 वर्षीय जयराम पढ़ाई में तेज तर्रार थे और हमेशा ही अव्वल आया करते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सम्पन्न करने के बाद एमए (MA) की डिग्री हासिल की। वह कम्पटीशन लेवल की तैयारी करने लगे और एग्जाम देने लगे। आगे उनका थल सेना, रेलवे तथा सीआरपीएफ (CRPF) में चयन हुआ। वह सरकारी जॉब से काफी खुश थे परन्तु उनका मन देश की मिट्टी में समाहित था और मिट्टी के लिए यही ललक उन्हें अपने गांव की तरफ मोड़ दिया।

उन्होंने किसी भी जॉब के लिए हां नहीं किया और खेती की तरफ रख मोड़ लिया। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और उनके पिताजी के आय का स्रोत खेती ही था। किसान परिवार से ताल्लुक रखने के कारण उनके पास जमीन भी थी जिसपर उन्होंने खेती प्रारम्भ कर दी। लेकिन ये खेती पारम्परिक नहीं बल्कि ऑर्गेनिक थी।

उन्होंने ऑर्गेनिक खेती के विषय में जानकारी इकट्ठा की ताकि वह इसमें सफल हो सकें। अब जानकारी तथा सूझ-बूझ के साथ उन्होंने ऑर्गेनिक खेती (Organic farming) प्रारम्भ कर दी। आज खेती के क्षेत्र में वह एक सफल कृषक बने हुए हैं और साथ अन्य किसानों के लिए उदाहरण भी बने हैं।

तीन नौकरियां छोड़ी

आज के समय में अक्सर लोग नौकरी करना हीं चाहते हैं। हमलोगों ने देखा होगा कि ज्यादतर लोग पढाई के बाद नौकरी का हीं पीछा किया करते हैं लेकिन एक समय में उन्होंनें कई सरकारी नौकरी को नकारा इसके बाद उन्होंने खेती को हीं चुना। उन्होंने बताया कि खेती शुरु करने से पहले उन्हें सी आर पी एफ , रेलवे और आर्मी जैसे जॉब ऑफर आए थे परंतु वह नौकरी तो करना चाहते थे लेकिन अपनी गांव की माटी को छोड़कर नहीं जाना चाहते थे इसलिए उन्होंने किसी भी नौकरी को करना पसंद नहीं किया क्युकिँ उन्होंने मन ही मन खेती करने का निर्णय कर लिया था।

शुरु की जैविक खेती

तीन-तीन सरकारी नौकरी को ठुकराने के बाद किसान जयराम (Jairam Gayakvad) ने अपने परिवारिक परम्परा को ध्यान में रखते हुए खेती करने का मन बनाया। उन्होंने विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती करने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने अपने 30 एकड़ जमीन में से 10 एकड़ जमीन का चयन किया। इसमें से उन्होंने पांच एकड़ में गन्नो की खेती , दो एकड़ में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, गोशाला एवं गोबर गैस संयंत्र लगाया है। डेढ़ एकड़ में वे जैविक गेहूं का उत्पादन करते हैं तथा बाकी डेढ़ एकड़ में वे जैविक सब्जियों की खेती करते हैं।

बेहतर उत्पादन हेतु जैविक खाद का उपयोग

जयराम अपने खेतों में बेहतर उत्पादन के लिए जैविक खाद का उपयोग करते हैं। वह किसी भी केमिकल युक्त प्रोडक्ट का उपयोग अपने खेतों में नहीं करते क्योंकि वह जानते हैं कि अधिक उत्पादन के लिए केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का उपयोग किया जा सकता है परंतु इससे हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचता है। उन्हें किसी भी प्रकार के उर्वरक को खरीदने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वह स्वयं ही वर्मी कंपोस्ट का निर्माण करते हैं और फिर इनका छिड़काव अपने खेतों में करते हैं ताकि जो भी उत्पादन हो वह पूरी तरह शुद्ध हो।

वह अपने 9 एकड़ जमीन में गन्ने तथा गेहूं की बुआई किए हुए हैं और बाकी जमीन में टमाटर तथा बैंगन आदि सब्जियों के अतिरिक्त यहां फल के भी पौधे लगाए हैं। वह अपने सभी उत्पाद से अच्छा खासा लाभ कमा लेते हैं क्योंकि यह पूरी तरह शुद्ध होते हैं और इसमें किसी भी केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं किया रहता है, जिससे इसका डिमांड भी मार्केट में अधिक होता है।

300 क्विंटल उर्वरक का होता है निर्माण

वह इतनी मात्रा में गोबर गैस का निर्माण कर लेते हैं कि सैकड़ों घरों में इससे ईंधन की व्यवस्था हो सके। लेकिन संसाधन के कमी के कारण इसका उपयोग जनरेटर चलाने के साथ मावा के निर्माण में होता है। वह 50 गायों से प्रतिदिन 15 क्विंटल के करीब गोबर प्राप्त करते हैं जिससे गैस बनाने के साथ उर्वरक बनता है। वह इन गायों से 300 क्विंटल उर्वरक का निर्माण कर उसका छिड़काव खेतों में फसलों के बेहतर उत्पादन हेतु करते हैं।

करते हैं गो-पालन भी

खेती के अतिरिक्त वह गो-पालन का शौक रखते हैं उन्होंने गो-पालन भी किया हुआ है। वर्ष 2012 में उन्होंने मात्र 2 गायों से अपने डेयरी फार्म की शुरुआत की थी और आज यहां अत्यधिक मात्रा में देसी के साथ हाइब्रिड प्रजाति के गायें शामिल हैं। इनके गोबर से वह कंपोस्ट का निर्माण करते हैं साथ ही गोबर गैस का भी। उर्वरक का छिड़काव खेतो में होता तो गोबर गैस का उपयोग इंधन तथा बिजली के उपयोग में।

गायों का अपशिष्ट नालियों से होते हुए गोबर गैस के प्लांट में एकत्रित होता है क्योंकि इसके निर्माण के लिए ऐसे ही रास्ते बने हुए हैं। वही आगे एक टैंक भी बना हुआ, जो वेस्ट प्लांट से बच जाते हैं वह एक आगे टैंक में एकत्रित होता है और इससे उर्वरक का निर्माण प्रारंभ होता है। यहां उन्होंने कई लोग लोग रोजगार से भी जोड़ा है।

डेयरी फार्म से कमाते हैं 2 लाख रुपए महीने

उनके फार्म में शंकर प्रजाति की गायें हैं जिनसे अधिक दूध उत्पादन किया जाता है। ये गायें दोनों वक्त 1.5 सौ लीटर के करीब दूध देती हैं। वह दूध के अतिरिक्त पनीर, मावा, दही तथा घी का निर्माण कर इससे अलग पैसे कमाते हैं। वह अपने फार्म से 2 लाख रुपए प्रत्येक माह कमा लेते हैं। आज वह अपने सूझ-बूझ के साथ इस डेयरी फार्म के क्षेत्र में भी महारत हासिल कर चुके हैं।

लोगों के लिए बने प्रेरणा

अपनी मेहनत और संघर्षों के बदौलत सफलता हासिल करते हुए जयराम गायकवाड़ (Jairam Gayakvad) ने अच्छी-खासी आमदनी हासिल किया है। उन्होंने तीन-तीन सरकारी नौकरी को छोड़ने के बाद कृषी के क्षेत्र में एक ऐसी पहचान बनाई है कि पूरे देश में उनका नाम लिया जा रहा है। आज के समय में वे उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो पढ़ाई-लिखाई करने के बाद खेती नहीं करना चाहते हैं।

नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं समानित

अपने बेहतर सोच और कार्य के लिए किसान जयराम गायकवाड़ (Jairam Gayakvad) को हमेशा से कृषी विभाग के तरफ से सहायता मिलते आई है। वे 30 एकड़ भूमि पर जैविक खेती और दूध उत्पादन करते हैं। उन्हें बेहतर काम के लिए गुजरात के तात्कालिक मुख्यमंत्री तथा फिलहाल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें सम्मानित भी किया है।

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