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कचड़े को भी उपयोगी बना दिया: बिहार का यह किसान सब्जी बाजार के कचड़े से जैविक खाद बनाकर पैसे कमा रहा है
आज का दौर कुछ ना कुछ नया करने का है। हर क्षेत्र में लोग नई-नई तकनीकों के सहारे कार्य कर सफलता के नए द्वार खोल रहे हैं। उसी संदर्भ में हम आज अपने हुनर और काबिलियत से अन्य लोगों के लिए प्रेरणा कायम कर चुके एक ऐसे हीं शख्स के बारे में जानेंगे। बिहार से आने वाले जयप्रकाश महतो ने सब्जी बाजार के कचरे से ऑर्गेनिक खाद बनाया है और साथ हीं अब वह दूसरे किसानों को भी ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
जयप्रकाश महतो (Jayprakash Mahato)
जयप्रकाश बिहार (Bihar) के छपरा जिले के शहर से सटे दौलतगंज मोहल्ले के रहने वाले हैं और वह पेशे से एक किसान हैं। उन्होंने सब्जी बाजार के कचरे से खाद का उत्पादन किया है और ऐसा करके वह कृषि को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। जयप्रकाश के इस कारनामे के बाद उनके आस-पास के रहने वाले बहुत से लोगों ने रसायनिक खाद छोङ जैविक खाद को अपनाया है।
जयप्रकाश ने जन विकाससमिति से ट्रेनिंग ली
जयप्रकाश के मोहल्ले के पास हीं सब्जी का बाजार लगता है जिससे वहाँ पर आसानी से सब्जी का कचरा मिल जाता था। पहले इस कचरे को नगर निगम द्वारा डंप कर दिया जाता था। जयप्रकाश ने जन विकाससमिति से जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग ली। जिसमें उन्हें बताया गया कि सड़ी-गली सब्जियों और पत्तियों से भी जैविक खाद बनाया जा सकता है।
जयप्रकाश ने बिना किसी मदद के तैयार किया जैविक खाद
जयप्रकाश ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गुदरी बाजार के सब्जी मार्केट के कचरे को एकत्र कर गाड़ी से वर्मी कंपोस्ट बनाने के प्रोजेक्ट को शुरू किए। खाद के तैयार होते हीं जयप्रकाश ने उसका इस्तमाल 10 कट्ठा के खेत में आलू, सरसों और मूली की खेती के लिए किया। उन्होंने जैविक खाद प्रशिक्षण विधि के अनुसार बिना किसी सरकार मदद के बनाया।
जैविक खाद से किसानों को हुआ मुनाफा
जयप्रकाश जी ने इस साल 25 क्विंटल मुली की बिक्री किया है। जयप्रकाश का दावा है कि जैविक खाद के प्रयोग से मुली के वजन में इजाफा हुआ है, इस बार मुली 1.5 से 2 किलो तक का हुआ है। इस गांव के सभी किसान अब कूड़ा-कचरा एकत्र कर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का प्रशिक्षण लेकर खेती करना चाहते हैं। गाँव के अन्य किसान कहते हैं कि जयप्रकाश ने खेती का नया मार्ग खोल दिया। किसान रसायनिक खाद के इस्तमाल के बजाए जैविक खाद के इस्तेमाल को बेहतर समझ रहे हैं।
जयप्रकाश महतो जी ने जिस तरह अपने कार्य से आश्रय किसानों के लिए प्रेरणा कायम किया है वह बेहद हीं सराहनीय है। Kurmi World जयप्रकाश महतो की खूब प्रशंसा करता है।
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