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Kharif Fasal: खरीफ सीजन में आम, केला, लीची, आंवले के साथ अमरूद के पौधे फ्री बांट रही है बिहार सरकार, पौधे लगाने पर पैसे भी दे रही, जानिए क्या होगा फायदा
बिहार सरकार ने बागवानी फसल की देखभाल के लिए किसानों को हर 3 साल में कुछ रकम देने का भी फैसला किया है. यह रकम पौधे के सही तरीके से पालन पोषण पर दिया जाएगा जिसके लिए पौधे की फोटो खींचकर बागवानी विभाग के अधिकारियों के पास भेजना होगा.
बिहार सरकार ने प्रदेश में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए नई तैयारियां शुरू की है. बिहार सरकार के कृषि व किसान कल्याण विभाग ने इस खरीफ सीजन में मौसम अनुकूल खेती करवाने की योजना तैयार की है. बिहार सरकार की इस योजना के मुताबिक खरीफ सीजन में प्रदेश के 11000 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बागवानी फसलों की खेती पर ध्यान दिया जा रहा है. बिहार सरकार ने खरीफ मौसम में 5125 एकड़ में केले की खेती, 662 एकड़ में पपीते की खेती, 1750 एकड़ में आम की खेती और 262 एकड़ में लीची की खेती के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की योजना तैयार की है.
बिहार सरकार के कृषि विभाग के मुताबिक इस बार खरीफ सीजन में बिहार के अलग-अलग इलाके में बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने की योजना तैयार की गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में कृषि विभाग ने केले, पपीता, आम, लीची और आंवले के साथ इस तरह की अन्य बागवानी फसलों को बढ़ावा देने की विशेष योजना तैयार की है.
बिहार के नागरिकों को केले, आम, लीची, अमरूद और आंवले के पौधे मुफ्त दिए जा रहे हैं, जबकि पपीते के पौधे के लिए उन्हें मामूली रकम का भुगतान करना है जो बाद में उन्हें वापस मिल जाएगा. इसके साथ ही बिहार सरकार के कृषि विभाग ने पौधे की देखरेख करने के लिए भी किसानों को हर तीन साल की अवधि में भुगतान करने की योजना बनाई है.
बिहार के कृषि विभाग के मुताबिक राज्य के 23 जिले में राष्ट्रीय बागवानी मिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. राज्य के शेष 15 जिले में मुख्यमंत्री बागवानी मिशन कार्यक्रम लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के सभी जिले में राष्ट्रीय औषधीय पौधा मिशन और राष्ट्रीय बांस मिशन का कार्यान्वयन किया जा रहा है.
क्लस्टर में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार के कृषि विभाग ने हर जिले के हिसाब से एक बागवानी फसल को चुना है. कृषि विभाग ने बागवानी मिशन के तहत बगीचा बचाओ अभियान शुरू किया है जो अपनी तरह का अनोखा कार्यक्रम है. बगीचा बचाओ अभियान में 1. 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आम, लीची और अमरूद के बाग की जुताई के साथ हर बगीचे का रिसोर्स मैपिंग किया जा रहा है.
बिहार सरकार ने बागवानी फसल की देखभाल के लिए किसानों को हर 3 साल में कुछ रकम देने का भी फैसला किया है. यह रकम पौधे के सही तरीके से पालन पोषण पर दिया जाएगा जिसके लिए पौधे की फोटो खींचकर बागवानी विभाग के अधिकारियों के पास भेजना होगा.
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