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विदेश की अच्छी आमदनी वाली नौकरी छोड़कर शुरू किया अपना व्यापार, कर रहे 8 करोड़ की सलाना कमाई
कई बार यह बात साबित हो चुकी है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो उसे पूरा करके हीं दम लेता है। आज हम आपको 2 भाइयों की कहानी बता रहे हैं जो गुजरात (Gujrat) के वड़ोदरा शहर के रहने वाले हैं। ये दोनों भाई एक सफल व्यवसायी हैं और अन्य लोग उनसे प्रेरणा ले रहें हैं।
दरअसल उनका खुद का पिज्जा रेस्टोरेंट हैं जिससे ये करोड़ो की कमाई करते हैं। उन दोनों सफल उद्यमी भाइयों का नाम मनीष पटेल (Manish Patel) एवं नीरव पटेल (Nirav Patel) है। ला पिज्जा (La Pizza) रेस्टोरेंट का नाम आज हर व्यक्ति के जुबान पर है, लेकिन उनके सफलता के पीछे का संघर्ष हर कोई नहीं जानता।
विदेश में की लंबे अरसे तक नौकरी
मनीष ने अपनी शुरुआती शिक्षा संपन्न करने के बाद राजकोट से होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। इसके उपरांत वह यूके एवं कनाडा चले गए। उन्होंने विदेश में 12 वर्षों तक नौकरी की। परंतु उन्हें वहां सुकून हासिल नहीं हुआ जिस कारण वह अपने देश लौट आए। इसके उपरांत उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर रेस्टोरेंट्स का श्री गणेश किया। हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी बात पर अडिग रहे।
झेलनी पड़ी परेशानियां
मनीष को शुरुआत के दिनों में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि लोग उन्हें मजाक में यह कहते थे कि विदेश की नौकरी छोड़ कर देश लौटने का कोई फायदा नहीं है। जितनी मुंह थी उतनी लोगों की अलग-अलग बात थी, जिसे सुनकर ये कुछ नहीं बोलते। आज वर्तमान में उनके पास 6 रेस्टोरेंट है, जो सूरत एवं बड़ोदरा में चल रहे हैं।
वार्षिक टर्नओवर 8 करोड़ के करीब
मनीष ने यह बताया कि जब वह कनाडा में मैनेजर के तौर पर एक कंपनी में जॉब करते थे। उस दौरान उनकी आमदनी 60 लाख रुपए थी, परंतु वह उसे छोड़ अपने गुजरात आए और यहां अपना कारोबार स्थापित किया। आज वह अपनी इस कंपनी से 8 करोड़ रुपए की राशि प्रति वर्ष प्राप्त कर रहे हैं।
कैसे होती हैं ला पिज्जा की डिलीवरी
ला पिज़्ज़ा रेस्टोरेंट में उनके कस्टमर के आर्डर के मुताबिक सबसे ट्रेनों में पिज़्जा को पहुंचाया जाता है। उसके उपरांत वेटर द्वारा कस्टमर को पिज़्ज़ा सर्व किया जाता है। अगर किसी कस्टमर को ऑर्डर बुक करना है तो वो इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं। इसी आर्डर के सहारे कस्टमर के सीट तक पिज़्जा की डिलीवरी होती है।
कोरोना काल में हुई हानि
जिस तरह कोरोनावायरस से हर किसी को परेशानी हुई थी, उसी तरह मनीष को अपने कार्य को लेकर काफी हानि पहुंची थी। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और आज उनका व्यापार सफलता की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। अब वह आगे अहमदाबाद एवं राजकोट में अपने कार्य स्थापित करना चाहते हैं। नीरव ने यह ने यह जानकारी दिया कि जब मनीष यहां आए थे तो उन्होंने फूड ट्रेन का निर्माण किया जिसके लिए उन्हें 6 महीने का वक्त लगा था। उसके उपरांत उसके पेटन्ट भी बुक हुए थे।
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