Sardar Patel Statue of Unity: जानें स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की लागत, लोकेशन व अन्य जरूरी डिटेल्स
‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ की ऊंचाई न्यूयॉर्क की स्टैच्यू आॅफ लिबर्टी की ऊंचाई से दोगुनी है। गुजरात में नर्मदा नदी के बांध के पास स्थित ये प्रतिमा न सिर्फ दुनिया में सबसे ऊंची है बल्कि सबसे कम वक्त में तैयार होने वाली प्रतिमाओं में से एक है। 182 मीटर के ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ को 33 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है जबकि चीन के स्प्रिंग टैंपल में लगी बुद्ध की मूर्ति को तैयार होने में 11 साल का समय लगा था। सरदार पटेल की मूर्ति के भीतर दो हाईस्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं। ये हाईस्पीड लिफ्ट पर्यटकों को विशालकाय मूर्ति के सीने तक ले जाएगी।
ये हैं सरदार पटेल की मूर्ति यानी ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ की 10 विशेषताएं
1. ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो के द्वारा 2,989 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ की मूर्ति को बनाने में 1,700 टन कांसा और 1,850 टन कांसा मूर्ति की बाहरी संरचना को बनाने में लगा है। मूर्ति के भीतरी भाग को कंक्रीट सीमेंट (180,000 क्यूबिक मीटर), खासतौर पर प्रबलित स्टील (18,500 टन) और स्टील के ढांचे (6,500 टन) से भरा गया है। ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ प्रोजेक्ट करीब 22,000 वर्ग मीटर इलाके में फैला हुआ है। पूरे प्रोजेक्ट को बनाने में करीब 3000 मजदूरों ने काम किया है।
2. अगर आपकी ऊंचाई 5.6 फीट है, तो विशालकाय ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ आपसे 100 गुना ज्यादा ऊंची है।
3. ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ के कोर में दो तेज गति वाली यात्री लिफ्ट लगाई गई हैं। ये लिफ्ट पर्यटकों को मूर्ति के सीने तक ले जाएंगी। यहां पर्यटकों के देखने के लिए एक गैलरी बनाई गई है। इस गैलरी की क्षमता एक बार में 200 दर्शकों की है। इस गैलरी से पर्यटक नर्मदा नदी और उस पर बने बांध का विहंगम दृश्य देख सकेंगे। ये बांध एक तरफ सतपुड़ा और दूसरी तरफ विंध्याचल की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ के मुख्य शिल्पी ने मूर्ति का चेहरा तैयार करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की करीब 2000 फोटो का अध्ययन किया था।
4. सरकार ने ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ के पास ही तीन सितारा होटल, संग्रहालय और आॅडियो विजुअल गैलरी भी बनाई है। सरकार ने दूरस्थ और पहाड़ी इलाके में स्थित इस मूर्ति पर आधारित पूरा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की कोशिश की है ताकि ये पर्यटकों को लुभा सके।
5. सरदार पटेल की मूर्ति यानी ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ के निर्माण की अपनी इंजीनियरिंग संबंधी बाधाएं थीं। न सिर्फ ऊंचाई की वजह से बल्कि नर्मदा नदी के बीच में स्थित होने और सरदार पटेल के चलने की स्थिति में होने के कारण भी। ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ करीब 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाली हवाओं के वेग और रिक्टर पैमाने पर 6.5 की तीव्रता वाले भूकंप के झटकों को झेल सकती है।
6. ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ का डिजाइन नोएडा के मूर्तिकार राम वी. सुतार ने बेहद ध्यान से तैयार किया है। उनका जोर इस बात पर था कि मूर्ति की भावभंगिमा सरदार पटेल की भाव भंगिमाओं से मेल खाती हों। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने आर्काइव से 2,000 से ज्यादा फोटोग्राफ का अध्ययन किया। ऐसे इतिहासकारों और लोगों की मदद ली गई जिन्होंने लौह पुरुष को देखा था। दूर से देखने पर ऐसा दिखता है कि जैसे सरदार पटेल पानी पर चलकर सरदार सरोवर बांध की तरफ जा रहे हों।
7. गुजरात सरकार यहां पर्यटकों के लिए 3.5 किमी लंबा हाइवे भी बना रही है। इस हाइवे से होकर पर्यटक केवड़िया कस्बे से ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ तक आ सकेंगे।
8. 320 मीटर लंबा डिजायनर पुल भी बनाया जा रहा है। ये पुल मुख्य जमीन से साधु द्वीप को जोड़ेगा। आप यहां से बोट राइड भी ले सकते हैं।
9. ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए पूरे देश की जनता ने करीब 135 मीट्रिक टन लोहे का दान दिया था।
10 ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ बेहतरीन सेल्फी प्वाइंट भी साबित हो सकता है। ये फोटोग्राफी के लिहाज से भी बेहद बेहतरीन जगह है।