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ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के तर्ज पर 35 वर्ष पहले बनी थी AJSU, जानिए पूरा सफरनामा
झारखंड अलग राज्य आंदोलन के दौरान 22 जून 1986 को सूर्य सिंह बेसरा के नेतृत्व में ' ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के तर्ज पर जमशेदपुर में ' ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन' यानी आजसू बनी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष निर्मल माहतो आजसू के संरक्षक थे ।
8 अगस्त 1987 को निर्मल माहतो की हत्या के बाद आजसू ने अचानक उग्र व हिंसक आंदोलन अख्तियार कर लिया। आजसू ने 1989 में ' करो या मरो ' के ऐलान के साथ 72 घंटे का झारखंड बंद आहूत किया था । अचानक झारखंड आंदोलन विस्फोटक बन गया। गोरखालैंड और बोडोलैंड की तरह हिंसक वारदातों के मद्देनजर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी एवं गृहमंत्री बूटा सिंह ने आजसू नेताओं को दिल्ली में झारखंड वार्ता के आमंत्रित किया। आजसू के हिंसक आंदोलन के परिणाम स्वरूप ही तत्कालीन भारत सरकार ने ' झारखंड विषयक समिति 'का गठन किया था।
हुआ था झारखंड स्टूडेंट्स चिह्नितीकरण आयोग का गठन
झारखंड राज्य आजसू के उलगुलान का ही परिणाम है। 2012 में राज्य सरकार द्वारा ' झारखंड स्टूडेंट्स चिह्नितीकरण आयोग 'का गठन हुआ । अभी तक केवल 35000 आंदोलनकारियों को चिह्नित किया गया है । अभी भी करीब पचास हजार आंदोलनकारियों का चिह्नितीकरण बाकी है। आजसू के संस्थापक सूर्य सिंह बेसरा का कहना है कि जिस उद्देश्य के साथ आजसू का गठन किया गया था, वह आज भी पूरा नहीं हुआ है।