एक मजदूर ने ऐसे पास की NEET की परीक्षा, कैंसर रोगियों को मुफ्त में इलाज करने का है सपना
कहते हैं मेहनत और लगन से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। इस कहावत के उदाहरण है राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर जिला के एक मजदूर हंसराम पटेल (Hansram Patel)। उन्होंने नीट को तीसरे प्रयास में 9,210 के अखिल भारतीय रैंक और 3,4.50 के ओबीसी श्रेणी के रैंक के साथ पास किया है। हंसराम का यह सपना है कि वह कैंसर के रोगियों का मुफ्त में इलाज करें।
कम उम्र में संभाले परिवार की जिम्मेदारी
आपको बता दें कि पटेल के पिता की मृत्यु बहुत कम उम्र में हीं हो गई थी, जिस वजह से उन्हें 7वीं कक्षा में हीं अपने परिवार की जिम्मेदारी उठानी पड़ी थी। उन्होंने अपनी माँ, एक शारीरिक रूप से विकलांग बड़े भाई और दो बहनें की देखभाल के लिए एक मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
NEET करने के लिए चाचा ने किया प्रोत्साहित
10वीं कक्षा तक अपने गांव के एक स्कूल में पढ़ने के बाद, उनके मामा के समर्थन ने उन्हें जोधपुर में अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा हासिल करने का मौका दिया। उसके बाद उनके चाचा ने उन्हें NEET का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। साल 2019 में हंसराम अपने पहले प्रयास में 493 स्कोर किया।
कैंसर रोगियों को मुफ्त में इलाज करना चाहते हैं
हंसराम अपने दूसरे प्रयास में 595 स्कोर किया परंतु सरकारी सीट प्राप्त करने के 10 अंकों कम हो गए। अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने 700 में से 627 अंक प्राप्त किए। उनका सपना एक ऑन्कोलॉजिस्ट बनना है और कैंसर का मुफ्त इलाज करना चाहते हैं।