प्रतापगढ़ किले का इतिहास
प्रतापगढ़ महाराष्ट्र का एक पहाड़ी किला है, जो सतारा जिले में महाबलेश्वर के प्रसिद्ध हिल स्टेशन के करीब स्थित है। आपको बता दें कि यह किला जमीन से लगभग 3500 फीट की ऊंचाई पर खड़ा हुआ है। प्रतापगढ़ किला यहां का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसकी बहुत किलेबंदी अभी भी बरकरार हैं इस किले के भीतर चार झीलें हैं, जिनमें से कई मानसून के दौरान बहती हैं। प्रतापगढ़ दुर्ग का निर्माण 1656 में शिवाजी द्वारा करवाया गया था। प्रतापगढ़ किले में उनकी एक मूर्ति भी स्थित है जो 60 साल पहले स्थापित की गई थी। किले में स्थित आकर्षक तालाब, बड़े कक्ष और लंबे अंधेरे गलियारे पर्यटकों को मोहित करने में कभी भी फ़ैल नहीं होते।
प्रतापगढ़ किला एक ऐसी जगह है जहां की यात्रा इतिहास प्रेमी, पर्यटक और प्रकृति प्रेमी सभी तरह के लोग कर सकते हैं। अगर आप प्रकृति की गोद में अद्भुत समय बिताना चाहते हैं तो आपको एक बार जरुर इस किले की यात्रा करने के लिए जाना चाहिए। किले के शीर्ष पर भवानी मंदिर है और एक सांस्कृतिक पुस्तकालय है जो किले की विरासत को दर्शाता है। अगर आप प्रतापगढ़ किला जाने की योजना बना रहें हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें यहां हम आपको किले की यात्रा के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं।
प्रतापगढ़ दुर्ग का इतिहास
प्रतापगढ़ किले के इतिहास की बात करें तो बता दें कि वर्ष 1657 में छत्रपति शिवाजी महाराज शक्तिशाली बन गए थे। उन्होंने विजापुर राज्य के कई प्रांतों पर विजय प्राप्त की थी। उस समय शिवाजी महाराज को नियंत्रित करने के लिए अफजलखान को प्रतिनियुक्त किया गया था, लेकिन शिवाजी महाराज ने चतुराई के साथ उसकी हत्या कर दी थी। यह ऐतिहासिक घटना कई महान विवरणों में दर्ज है अफजलखान ने छत्रपति शिवाजी महाराज को किले के तल पर मिलने के लिए बुलाया, तो उन्होंने छल कपट से शिवाजी महाराज को मारने की कोशिश की। लेकिन शिवाजी ने चतुराई से अफजलखान का पेट काटकर उसकी आंतों को निकालकर हत्या कर दी।
अफजलखान की कब्र आज भी वहां मौजूद है। अफजलखान के एक अंगरक्षक सय्यद बंदा ने छत्रपति शिवाजी महाराज को अपनी तलवार से मारने की कोशिश की। लेकिन महाराज के सुरक्षाकर्मी, जीवा बांदा उसके इस प्रयास को नाकाम कर दिया और सैय्यद बंदा को मार डाला। इस प्रकार प्रतापगढ़ दुर्ग का अस्तित्व छत्रपति शिवाजी महाराज की बहादुरी को बताता है।
प्रतापगढ़ किला घूमने जाने का सबसे अच्छा समय
अगर आप प्रतापगढ़ किले की यात्रा के अच्छे समय के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि यहां की यात्रा वैसे तो साल में किसी भी समय की जा सकती है। लेकिन अगर आप यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं तो अक्टूबर से मार्च के महीनों में किले की यात्रा करें। इन महीनों में मौसम बेहद सुहावना और सुखद होता है जिसकी वजह से आपकी यात्रा काफी अच्छी और यादगार होगी