'गुड पैरेंटिंग' की क्लास देते हैं ये IPS अधिकारी, अपने खास प्रोग्राम से कर रहे हैं अभिभावकों की मदद
आईपीएस अधिकारी हसमुख पटेल बीते कई सालों से माता-पिताओं को मुफ्त में परामर्श दे रहे हैं ताकि वे अपने बच्चों को प्यार के साथ पाल सकें। उन्होंने साल 2014 में अपने इस खास कार्यक्रम ‘पैरेंटिंग फॉर पीस’ की शुरुआत की थी।
'बच्चों का पालन-पोषण करना 'बच्चों का खेल' नहीं है’ और इस ज़िम्मेदारी को निभाना तमाम अभिभावकों के लिए अक्सर चुनौतीपूर्ण साबित होता है। ऐसे में एक आईपीएस अधिकारी बीते कई सालों से अभिभावकों के लिए इस काम को सरल बनाने में उनकी मदद कर रहे हैं। इन आईपीएस अधिकारी का नाम हसमुख पटेल है, जो फिलहाल गुजरात पुलिस में एडिशनल एडीजी पद पर अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
हसमुख पटेल बीते कई सालों से माता-पिताओं को मुफ्त में परामर्श दे रहे हैं ताकि वे अपने बच्चों को प्यार के साथ पाल सकें। आईपीएस अधिकारी ने साल 2014 में अपने इस खास कार्यक्रम ‘पैरेंटिंग फॉर पीस’ की शुरुआत की थी।
शामिल है तीन महीने का कोर्स
‘पैरेंटिंग फॉर पीस’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन माता-पिताओं को मुफ्त में परामर्श प्रदान करना है जो अपने बच्चों को बिना संघर्ष किए अच्छी पैरेंटिंग मुहैया कराना चाहते हैं। इस कार्यक्रम में एक तीन महीने का कोर्स शामिल हैं जिसके जरिये पैरेंट्स को अच्छे पालन-पोषण, मीडिया के प्रभाव के साथ ही अच्छे और बुरे स्पर्श जैसे विषयों पर जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
तमाम रिसर्च ने यह साबित किया है कि बच्चों के लिए उनके बचपन के अनुभव उनके व्यक्तित्व पर बड़ा प्रभाव डालते हैं, ऐसे में अगर उन्हें बचपन में इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है और उसका निदान नहीं होता है तो भविष्य में ये उनके लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर मुश्किलें खड़ा कर सकता है।
ताकि बेहतर हो भविष्य
मीडिया से बात करते हुए आईपीएस हसमुख पटेल ने बताया है कि कुछ सालों पहले उन्होंने इस विषय के संबंध में अपने एक दोस्त को एक पत्र लिखा था और उसके जवाब में उनके दोस्त ने स्वर्गीय मनुभाई पंचोली की एक पुस्तिका भेजी थी, जिसका शीर्षक ‘विश्वशांतिनी गुरुकिल्ली’ था।
उस पुस्तिका को पढ़ने के बाद उससे प्रभावित होकर हसमुख पटेल ने तय किया कि यह हर घर में पहुंचनी चाहिए और उन्होंने हिन्दी के साथ ही अंग्रेजी और मराठी में भी इसका अनुवाद कराया।
हसमुख पटेल कहते हैं कि ‘बच्चे जो देखते हैं और महसूस करते हैं वे उसी से सीखते हैं। ऐसे में यदि कोई बच्चा अपने बचपन में हिंसा का अनुभव करता है तो हिंसा जगह बनाती है। आज अधिकतर माता-पिता इस बात से अंजान हैं। ऐसे में हम सभी को आगे आकर अपने बच्चों को एक प्यार भरा बचपन देने की ओर काम करना चाहिए।‘
वॉलंटियर किए तैयार
अपने इस कार्यक्रम के तहत हसमुख पटेल करीब 3 हज़ार से अधिक वॉलंटियर्स को प्रशिक्षण दे चुके हैं और इन वॉलंटियर्स ने देश भर में करीब 40 हज़ार से अधिक अभिभावकों को पैरेंटिंग से जुड़े परामर्श प्रदान दिये हैं। मालूम हो कि डीम्ड यूनिवर्सिटी गुजरात विद्यापीठ ने इसे स्टडी कोर्स की तरह अपने पाठ्यक्रम में जोड़ा है और आज इस कोर्स में 60 से अधिक छात्र हिस्सा ले रहे हैं।