कश्मीर से कन्याकुमारी के लिए साइकिल पर निकली 10 साल की बच्ची, जागरूकता फैलाना है मिशन
10 साल की यह बच्ची आज अपने इरादों और जज्बे के जरिये सभी को हैरान कर रही है। साई पाटिल नाम की यह बच्ची बड़े ही खास मकसद के साथ साइकिल पर सवार होकर कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकली है। मालूम हो कि साई ने बीते साल 14 दिसंबर को जम्मू के कटरा से अपनी इस यात्रा की शुरुआत की थी।
गौरतलब है कि सड़क के रास्ते कश्मीर से कन्याकुमारी कि दूरी करीब 35 सौ किलोमीटर से भी अधिक है। साई अपनी इस यात्रा के दौरान करीब 10 राज्यों को पार करेंगी।
क्या है इस यात्रा की वजह?
साई पाटिल अपनी इस यात्रा के जरिये कई तरह से लोगों को जागरूक करना चाहती हैं। साई की साइकिल के सामने वाले भाग पर एक पोस्टर भी लगा हुआ है जिसमें तमाम संदेश लिखे हुए हैं। साई अपनी इस साइकिल यात्रा के जरिये एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहती हैं, वहीं दूसरी तरफ वे चाहती हैं कि अधिक से अधिक लोग साइकिल का इस्तेमाल करें, जिससे पेट्रोल इस्तेमाल को कम किया जा सके और प्रकृति व पर्यावरण को बचाया जा सके।
इसी के साथ साई लोगों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का भी संदेश दे रही हैं। मीडिया से बात करते हुए ठाणे की मूल निवासी साई ने बताया है कि इस यात्रा के जरिये उनका मकसद लोगों के बीच पेड़ लगाने के प्रति जागरूकता को बढ़ाना भी है।
सफर में पिता भी हैं साथ
कश्मीर से कन्याकुमारी तक का साई का यह सफर काफी जोखिम भरा भी है, इसके लिए उनके पिता आशीष पाटिल भी उनके साथ अलग साइकल पर चलते हैं। इसी के साथ आपातकाल को ध्यान में रखते हुए एक टीम भी उनके साथ चलती हैं। साई इस सफर के दौरान स्वस्थ रहें इसके लिए उनके पिता उनकी डाइट का भी पूरा ख्याल रखते हैं।
इस अभियान को लेकर आशीष ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आज की बेटियाँ हर वो काम कर सकती हैं जिसकी उम्मीद कुछ समय पहले तक सिर्फ बेटों से ही की जाती थी, ऐसे में बेटियों को भी आगे बढ़ने के भरपूर मौके मिलने चाहिए। आशीष के अनुसार साई इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
2 महीने में पूरा होगा सफर
साई पाटिल ने कश्मीर से कन्याकुमारी की 35 सौ किलोमीटर की दूसरी को 2 महीने में तय करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए वे हर रोज़ करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। इस साइकिल यात्रा के दौरान साई ने अपनी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा है और वे हेलमेट के साथ ही अन्य प्रोटेक्टिव गियर पहने रहती हैं।
साई के इस सफर के दौरान शहरों में रुकने पर लोग उनसे मिलकर उनका स्वागत करते हुए उनकी सफल यात्रा के लिए उन्हें शुभकामनायें भी दे रहे हैं। साई ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि इस दौरान कई बार लोग उनकी मदद करने को भी आगे आए हैं और वे अपने इस अनुभव से काफी खुश महसूस कर रही हैं।