प्रकृति से जुड़ा सूरत का घर (Green House) , जो दिखाते हैं कि बिजली और पानी के बिलों को कैसे किया जाए कम
क्या आप भी बढ़ते बिजली और पानी के बिल से परेशान हैं? हम आपकी टेंशन थोड़ी कम कर देते हैं। हम यहां देश भर में बनाए गए सस्टेनेबल घरों की एक लिस्ट लेकर आए हैं, जहां कुछ ऐसे नए तरीके अपनाए गए हैं जिससे बिजली और पानी का बिल काफी कम आता है।
अक्सर ऐसा माना जाता है कि जब हम सस्टेनेबल या ग्रीन हाउस (Green House) बनाते हैं, तो वहां कई तरह का रिस्क होता है। इतना ही नहीं कई लोग यह भी मानते हैं कि ऐसे घरों में सुविधाएं और आराम के साथ समझौता भी किया जाता है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। आज देश भर में नई तकनीक और तरीके का इस्तेमाल करते हुए ऐसे कई सस्टेनेबल घर बनाए गए हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल भी हैं, सारी सुविधाएं भी मौजूद हैं और कई जगह तो पानी-बिजली का बिल भी नहीं भरना पड़ता है।
सूरत के मैकेनिकल इंजीनियर स्नेहल पटेल के लिए यह हमेशा एक सपना था कि वह एक ऐसा घर बनाएं, जो रोज़मर्रा की भागदौड़ से दूर हो। जब उन्होंने अपने सपनों का घर बनाया, तो उन्होंने प्रकृति के करीब घर बनाने की पूरी कोशिश की।
क्या है अलग?
- कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए उन्होंने ऑफ-ग्रिड जाने का फैसला किया। इसलिए, घर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 7.5 किलोवाट की क्षमता वाला एक सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया गया है।
- सोलर पैनल एक एंगल पर स्थापित किया गया है और सीधा छत पर रखा गया है, इसलिए वे ज्यादा से ज्यादा सौर ऊर्जा को अवशोषित करते हैं। मानसून में, सोलर उत्पादन कम हो सकता है इसलिए घर में एक विंड जनरेटर स्थापित किया गया है।
- छत पर एक पानी का टंकी लगाई गई है, जिसमें कपड़े का फिल्टर लगा है। इस टंकी में बारिश का पानी स्टोर किया जाता है और इसका इस्तेमाल रसोई और बाथरूम के नल में किया जाता है। एक बार छत पर पानी की टंकी भर जाने के बाद, पानी एक चैनल के माध्यम से नीचे बहता है और ग्राउंड फ्लोर पर दूसरे टैंक से जुड़ जाता है, जिसमें 2 लाख लीटर पानी जमा होता है।
- दूसरी ओर, वॉशिंग मशीन से ग्रेवॉटर मशीन के नीचे एक टैंक में एकत्र किया जाता है। एक पंप और एक पाइप लाइन की मदद से इस पानी का उपयोग घर के टॉयलेट फ्लश में किया जाता है।