Image

जानें केबीसी में अमिताभ बच्चन के लिए कौन ढूंढकर लाया हिंदी के शब्द

कौन बनेगा करोड़पति के लिए तमाम कैची लाइनस लिखऩे वाले शख्स हैं आर.डी.तैलंग. शो की शुरुआत से जुड़े हैं अमिताभ बच्चन के सा

.

कौन बनेगा करोड़पति अगर घर-घर में पॉपुलर है, तो इसमें अमिताभ बच्चन के साथ-साथ आर.डी.तैलंग का भी अहम रोल है.

आप सोचेंगे की आरडी तैलंग कौन हैं. तो आपको बता दें कि आरडी तैलंग उस शख्स का नाम है, जिसने कंप्यूटर को कंप्यूटर जी बनाया, लेडीज एंड जेंटलमैन को देवियों और सजन्नों बनाया और लॉक कर लिया जाए, जैसे डायलॉग्स लिखे, जो लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गए.जब अमिताभ बच्चन नमस्कार, आदाब, सत्श्रीकाल कहकर शो की शुरुआत करते हैं, तो दर्शकों को सिर्फ वही नजर आते हैं. मगर उनके पीछे है

आर.डी.तैलंग की कलम और सोच. उन्होंने अमिताभ बच्चन की पर्सनैलिटी और उनकी शुद्ध हिंदी पर पकड़ को ध्यान में रखते हुए तकनीकी यंत्रों को भी ऐसे दिलचस्प नाम दिए कि हर उम्र के व्यक्ति के लिए वो मुहावरा ही बहन गए.याद हैं ना आपको - पंचकोटि महामनी , घड़ियाल बाबू, श्रीमति टिकटिकी, सुईमुई. फिर हर साल शो के शुरू होने पर दिमाग में छा जाने वाली 'कोई भी इंसान छोटा नहीं होता', 'ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है' जैसी टैगलाइन.

 

तैलंग ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि शो में जब उन्हें बुलाया गया, तब सिर्फ इतना कहा गया था कि आपको शो की शुरुआत और एंडिंग के लिए कुछ कैची लाइनें लिखनी हैं. खैर इस बात में शक नहीं कि तैलंग ने सच में ही ऐसी लाइनें लिखी, जो इतने साल बाद आज भी घर-घर में पॉपुलर हैं.

कौन हैं आर.डी.तैलंग

ये जानकर आपको और भी हैरानी होगी कि कौन बनेगा करोड़पति तक पहुंचने का तैलंग का सफर
मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर टीकमगढ़ से शुरू हुआ था. सालों पहले टीकमगढ़ में रहकर तैलंग अखबारों के लिए लेख लिखा करते थे और कार्टून बनाया करते थे. इसके बाद ये मुंबई आए और यहां का माहौल इन्हें इतना जमा कि यहीं रहकर संघर्ष शुरू कर दिया. आरडी तैलंग विलक्षण प्रतिभा के धनी है और तैलंग कूर्मि परिवार जन्मे एक किसान के बेटे है

कुछ दिन तक दो बजे दोपहर नाम के एक अखबार में बतौर कार्टूनिस्ट काम किया. इसके बाद साल 2000 में तैलंग की भी किस्मत पलटी और वह केबीसी के लिए चुने गए राइटर्स टीम का हिस्सा बने. कई इंटरव्यूज में खुद तैलंग बता चुके हैं कि उनकी लिखी स्क्रिप्ट अमिताभ बच्चन को काफी पसंद आई थी. यहां से बिग बी के साथ तैलंग का जो सफर शुरू हुआ. वो केबीसी के हर सीजन के साथ और भी खुशनुमा होता गया.

हालांकि टीवी की दुनिया में तैलंग की शुरुआत शेखर सुमन के साथ हुई थी. वह शेखर के शो मूवर्स और शेकर्स की स्क्रिप्ट लिखा करते थे. अब केबीसी के बाद वह रोहित शेटटी के लिए खतरों के खिलाडी में भी बतौर स्क्रिप्ट राइटर काम कर चुके हैं. स्क्रीप्ट राईटर आरडी का शहर से गहरा नाता है. टीवी शोज के अलावा तैलंग ने अजब प्रेम की गजब कहानी, अर्जुन और वॉरियर प्रिंस जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है.

आरडी तैलंग ये ही वो शख्स हैं जिनके लिखे हुए शब्दों को अमिताभ बच्चन अपनी बुलंद आवाज़ में दोहराते हैं। आरडी तैलंग ने कभी नहीं सोचा था कि वो लेखक बनेंगे और वो भी अमिताभ बच्चन जैसी शख्सियत के लिए संवाद लेखक।

साल 2000 में 'कौन बनेगा करोड़पति' की शुरुआत हुई और उन्हें कार्यक्रम के लिए संवाद लिखने का मौक़ा मिला तो ये उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। आज उन्हें केबासी से जुड़े 13 साल हो गए हैं जिसे वो किसी सुंदर सपने से कम नहीं मानते।

वो कहते हैं कि 13 साल तक का यह सफर सपनों की दुनिया जैसा रहा। अमिताभ बच्चन के साथ काम करना ही अपने आप में सपने की दुनिया में विचरण करने जैसा है।

सपना टूटा, तो बन गया लेखक

आरडी तैलंग बचपन से ही एक बैंक अधिकारी बनना चाहते थे। लेकिन बहुत सी परीक्षाएं देने के बावजूद कुछ नहीं हो पाया। मध्य प्रदेश से होने के कारण उनकी हिन्दी अच्छी थी। इसलिए जब बैंक अधिकारी बनने का सपना टूटा तो मुंबई आकर पत्रकार बन गए।

आरडी तैलंग बताते हैं कि ''मैंने बहुत से लोगों के इंटरव्यू किए, इवेंट कवर किए और जब आप पत्रकार बन जाते हैं तो अच्छा लिखने का गुण ही जाता है और फिर धीरे-धीरे मैं एक लेखक बन गया और पत्रकारिता छोड़ दी।''

आरडी तैलंग कहते हैं ''शुरुआत में मैंने फ़रीदा जलाल, शेखर सुमन और शाहरुख ख़ान समेत कई लोगों के लिए लिखना शुरू किया। इसके बाद मुझे केबीसी के बारे में पता चला और मैंने अपनी लिखी कुछ लाइनें केबीसी टीम के पास नमूने के तौर पर भेजीं। कार्यक्रम निर्माताओं और अमिताभ बच्चन को मेरा लिखा अच्छा लगा। इस तरह केबीसी के साथ मेरे सफ़र की शुरुआत हो गई।''

केबीसी की थीम

तैलंग बताते हैं, ''केबीसी से जुड़े लोग रिसर्च कर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि दर्शकों को पिछले सीजन में क्या अच्छा लगा और वो क्या देखना चाहते हैं और जब हमें यह पता चल जाता है तो हम दर्शकों की सोच को दिखाने की कोशिश में लग जाते है, लेकिन एक लेखक के तौर पर यह बहुत मुश्किल काम होता है।''

केबीसी हर बार एक थीम को आगे बढ़ाती है और उसी के इर्द-गिर्द कार्यक्रम का निर्माण किया जाता है। तेलांग इसे समझाते हुए कहते हैं -

1- केबीसी की एक थीम 'कोई भी सवाल छोटा नहीं होता', इसमें हमने दिखाने की कोशिश की थी कि आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएँ, क्या पता कौन सा सवाल आपको कब क्या हासिल करवा दे।

2- इस थीम के बाद ' कोई भी इंसान छोटा नहीं होता', इससे हम कहना चाहते थे कि कोई व्यक्ति किसी भी मज़हब और किसी भी आर्थिक स्थिति से ताल्लुक रखता हो लेकिन अगर उसमें योग्यता है तो वो कोई भी चीज़ हासिल कर सकता है।

3- फिर हमने बनाया 'ज्ञान ही आपको आपका हक़ दिलाता है' इसके पीछे हमारी सोच थी कि आप अमीर हों या ग़रीब, लेकिन अगर आप ज्ञानी हैं तो आपको आपका हक़ ज़रूर मिलेगा।

4- और अब हमारी थीम है- 'सीखना बंद तो जीतना बंद' और इसके पीछे हमारी यह सोच है कि आप जिस भी उम्र के हों आप हमेशा सीख सकते हैं। हर दिन आप जो भी सीखते हैं वो कहीं ना कहीं काम आता है। अगर आप सीखना बंद कर देंगे तो जीतेंगे कैसे ?

केबीसी के बाद क्या?

आरडी तैलंग का कहना है क़ि ''केबीसी तो साल में एक बार आता है वो भी तीन-चार महीने के लिए। इसलिए मैं फ़िल्मों, कई इवेंट्स और फ़िल्मफ़ेयर जैसे अवॉर्ड्स के लिए लिखता हूँ। लेकिन इस बार केबीसी सीजन सात के बाद मैं खुद की एक फ़िल्म का निर्देशन करूँगा।''

अपनी फ़िल्म में अमिताभ को लेने पर तैलंग कहते हैं कि ''मैं तो यही चाहूँगा कि अमिताभ जैसा महानायक यह फ़िल्म करे, बाकी सब स्क्रिप्ट पर निर्भर करेगा।''

आरडी तैलंग बताते हैं कि यह एक कॉमेडी फ़िल्म होगी क्योंकि उन्हें लगता है कि कॉमेडी में उनकी समझ काफ़ी अच्छी है, इसलिए उसी में हाथ आज़माने वाले हैं