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Startup: अमेरिका से पढ़कर स्वदेश में शुरू किए ओट मिल्क का कारोबार, महज 2 साल में करोडों का टर्नओवर पार किए
क्या कभी अपने सोचा है बिना गाय-भैंस या किसी जानवर के मिल्क प्रोडक्ट बनाया जा सकता है सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह सच है।
कर्नाटक के रहने वाले सुमैर (Sumair) ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्लांट बेस्ड मिल्क प्रोडक्ट (Plant based milk products) का स्टार्टअप लॉन्च किया है। सुमैर ओट से दूध बनाते हैं और देशभर में इसकी मार्केटिंग करते हैं। बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, सूरत, कोलकाता सहित कई शहरों में उनकी यूनिट्स हैं। इससे वह अच्छी खासी कमाई कर रहे है। इसी के साथ उन्होंने 10 लोगों को रोज़गार भी है।
आपको बता दे सुमैर ने बिजनेस की पढ़ाई की है। लंबे समय तक उन्होंने अलग-अलग कंपनियों में काम भी किया है, जबकि उनके दोस्त बसन पाटिल (Basan Patil) और रित्विक रमेश (Ritvik Ramesh) ने अमेरिका से बिजनेस की पढ़ाई की है। सुमैर का कहना कि हर जगह दूध की काफी ज्यादा डिमांड है वो चाहे शहर हो या गांव। दूध के लिए हम जानवरों पर ही निर्भर रहते आए हैं। जबकि अमेरिका में ऐसा नहीं है वहां प्लांट बेस्ड मिल्क पर फोकस किया जा रहा है। यह एनवायरनमेंट के लिहाज से भी बढ़िया है और काफी हेल्दी भी।
2020 में स्टार्टअप की शुरुवात हुई
सुमैर का कहना हैं कि उन्हें हमेशा लगता था कि देश में प्लांट बेस्ड मिल्क इंडस्ट्री (Plant based milk industry) में काफी स्कोप है। बहुत कम लेवल पर लोग इस फील्ड में काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ अब लोग कई मामलों में प्लांट बेस्ड प्रोडक्ट की ओर स्विच हो रहे हैं। ऐसे में अगर में अगर इस फील्ड में कुछ काम किया जाता है तो अच्छी कमाई हो सकती है। इसके बाद साल 2020 में तीनों यानी सुमैर,बसन,रित्विक ने मिलकर अल्ट को (Alt CO) नाम से अपनी कंपनी बनाई और ओट (Oats) से मिल्क बनाना शुरू किया।
सुमैर का कहना कि देश में कुछ कंपनियां सोया मिल्क (Soya Milk) बनाती हैं तो कुछ कंपनियां आमन्ड मिल्क (Almond Milk) बनाती हैं, लेकिन हमने ओट से दूध तैयार करने का फैसला लिया, क्योंकि इसमें हर जरूरी न्यूट्रीशन्स होते हैं जो हेल्थ के लिए काफी अच्छा होते है। इसमें विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाई जाती है। साथ ही यह हड्डियों को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। बच्चों के लिए तो यह काफी फायदेमंद है। इसलिए सुमैर ने इस पर फोकस किया।
Oat Milk
कई राज्यों में यूनिट मौदूद
सुमैर का कहना हैं कि उन्होंने ओट से मिल्क तैयार करने के लिए कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली सहित कई राज्यों में अपनी यूनिट खोलीं। वहां प्रोडक्शन का काम शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने एक्सपर्ट की टीम हायर की ताकि इसके लिए जरूरी रिसर्च और प्रोसेसिंग का काम हो सके। इसके बाद मार्केटिंग पर फोकस किया। मार्केटिंग के लिए सुमैर ने ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही प्लेटफॉर्म का भरपूर इस्तेमाल किया। साथ ही कई शहरों में रिटेल स्टोर्स पर भी उन्होंने अपने प्रोडक्ट रखे।
सुमैर का कहना हैं कि हम अपनी वेबसाइट के साथ ही फ्लिपकार्ट और अमेजन पर भी अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करते हैं। जिससे उनकी कंपनी को हर महीने अच्छी खासी संख्या में ऑर्डर मिल जाते हैं। दो साल के भीतर उनकी कंपनी ने काफी अच्छी ग्रोथ की है। आने वाले दिनों में सुमैर पूरे देश में अपनी यूनिट खोलने की योजना बना रहे हैं। अगर प्रोडक्ट की प्राइस की बात है एक पैकेट की कीमत 299 रुपए है।
प्लांट से मिल्क प्रोडक्ट को तैयार करने का प्रोसेस मशीनरी और टेक्निकल दोनों हैं। इसके लिए सबसे पहले प्लांट सिलेक्ट किया जाता है कि कौन से प्लांट से मिल्क तैयार करना है। इसके बाद प्लांट के उस पार्ट को फाइंड आउट करते हैं जो मिल्क प्रोड्यूस करता है। इसके बाद उसके बीन या नट की मदद से उसे अच्छी तरह ग्राइंड करते हैं। फिर उसमें पानी,फ्लेवर्स, मिनरल्स और विटामिन्स मिलाए जाते हैं। इसके बाद एक्सपर्ट की हेल्प से टीम प्रोसेसिंग करती हैं। इसके बाद क्वालिटी टेस्टिंग कर पैकेजिंग की जाती है।
कैसे अलग है प्लांट बेस्ड मिल्क
प्लांट बेस्ड मिल्क की सबसे बड़ी खासियत है की ये लैक्टोज फ्री (Lactose free)। यही वजह है कि हेल्थ के लिहाज से लोग एनिमल मिल्क (Animal Milk) की जगह प्लांट बेस्ड मिल्क प्रिफर कर रहे हैं। दूसरी सबसे बड़ी वजह है टेस्ट। कई लोग टेस्ट की वजह से एनिमल मिल्क पसंद नहीं करते हैं। जबकि प्लांट बेस्ड मिल्क में आप अपनी च्वाइस के हिसाब से फ्लेवर ऐड कर सकते हैं। साथ ही प्लांट से तैयार होने वाले मिल्क में लो फैट होता है।
इतना ही नहीं इस तरह के मिल्क में कस्टमर अपनी जरूरत के हिसाब से कोई मिनरल्स या विटामिन्स ऐड कर सकते हैं। एनिमल मिल्क में इस तरह की सुविधा नहीं होती है। इसके अलावा वीगन प्रोडक्ट (Vegan products) इस्तेमाल करने वाले भी इसे पसंद करते हैं।
भारत में प्लांट बेस्ड मिल्क का चलन तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल करीब 25 से 30 मिलियन डॉलर की इसकी मार्केट है। इनमें से ज्यादातर हिस्सा सोया मिल्क (Soya Milk) का है। उसके बाद आमंड (Almond) और ओट्स(Oats) बेस्ड मिल्क का है। जहां तक बिजनेस की बात की जाए तो, इस सेक्टर में काफी स्कोप है। कई स्टार्टअप इस सेक्टर की ओर क़दम बढ़ा रहे हैं।
हालांकि, इसकी प्रोसेसिंग कॉस्टली (Processing costly) है। मिल्क की कीमत भी एनिमल बेस्ड मिल्क के मुकाबले अधिक है। इसका असर बेचने और खरीदने वाले दोनों पर होता है। यही वजह है कि अभी इस फील्ड में रिस्क लेने से कई लोग बच भी रहे हैं।