का. दीपंकर ने फणीश्वर नाथ रेणु के लिए मरणोपरांत ज्ञानपीठ पुरस्कार की मांग की

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सीमांचल क्षेत्र में पदयात्रा कर रहे भाकपा-माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु को मरणोपरांत ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की मांग की है। मैला आंचल और परती परिकथा जैसे कालजयी आंचलिक उपन्यास के लेखक, बिहार और सीमांचल की सबसे सशक्त साहित्यिक-सांस्कृतिक आवाज तथा सामाजिक न्याय, गरीबों के अधिकारों और सम्मान के प्रेरणास्रोत रहे रेणु को यह सम्मान मिलना ही चाहिए।

का. दीपंकर भट्टाचार्य और पार्टी के अन्य नेताओं ने रेणु के गांव औराही-सिमराहा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बदलो बिहार न्याय यात्रा की शुरुआत की। इस अवसर पर का. दीपंकर ने कहा कि 1970 में रेणु जी को पद्मश्री सम्मान मिला था, लेकिन वे ज्ञानपीठ पुरस्कार के भी पूर्ण रूप से हकदार थे। भाकपा-माले उनके साहित्यिक–सांस्कृतिक योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान देने की मांग करती है।