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बीजेपी में आए थे तो कांग्रेस के चलते स्वतंत्र देव सिंह ने अपना नाम बदल दिया, अब बने सीएम योगी के मंत्री
यूपी भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। यूपी में भाजपा की बड़ी जीत में उनका रोल बहुत ही अहम माना जा रहा है। 2019 में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बनने से पहले वे 2014 और 2017 के चुनाव अभियानों में भी बहुत बड़ी भूमिका निभा चुके हैं और खासकर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के आयोजन में उन्होंने अहम योगदान दिया है। वे यूपी के बहुत कद्दावर ओबीसी चेहरे हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने जब भाजपा की राजनीति शुरू की तो उन्हें कांग्रेस की वजह से अपने माता-पिता का दिया हुआ नाम भी बदल देना पड़ा।
भाजपा में आए तो स्वतंत्र देव सिंह ने अपना नाम बदल लिया
यूपी के एक प्रभावशाली ओबीसी नेता स्वतंत्र देव सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसबार अपनी कैबिनेट में जगह दी है। वह अभी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। जब, मिर्जापुर जिले के एक गांव में 13 फरवरी, 1964 को स्वतंत्र देव सिंह का जन्म हुआ था, तब उनके माता-पिता ने उनका अलग नाम रखा था, जिसे बीजेपी में आने के बाद उन्हें बदल देना पड़ा। सिंह अभी यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं और कुर्मी समाज से आते हैं। भाजपा की इसबार की प्रचंड जीत में स्वतंत्र देव सिंह का बहुत बड़ा रोल है।
प्रदेश भाजपा में कई अहम पद संभाल चुके हैं
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले वे पार्टी में कई अहम पदों को संभाल चुके हैं, जिनमें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश महासचिव का पद भी शामिल है। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों के आयोजन में भी बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। स्वतंत्र देव सिंह ने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री प्राप्त की हुई है। 1986 में एक हिंदी अखबार से अपना करियर शुरू करने वाले सिंह को 2019 में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
कांग्रेस था नाम, बीजेपी में आए तो स्वतंत्र देव बन गए
बहुत लोगों को स्वतंत्र देव सिंह के बारे में यह जानकारी नहीं है कि उन्होंने भाजपा में आने के बाद अपना नाम क्यों बदल लिया? दरअसल, उनके माता-पिता ने उनका नाम कांग्रेस रखा था। लेकिन, जब वे भाजपा में आए तो उन्होंने अपना नाम बदल लिया। संयोग देखिए कि यह चुनाव जिसमें उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अगुवाई की है तो कांग्रेस अपने निम्नतम स्तर पर आ चुकी है। पार्टी के ना सिर्फ 2 विधायक चुनाव जीत पाए हैं, बल्कि उसका वोट शेयर भी अबतक के सबसे कम यानी 2.33% तक गिर गया है।
भाजपा की जीत में निभाई बड़ी भूमिका
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की अगुवाई में यूपी की 403 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 273 सीटें मिली हैं और पार्टी का वोट शेयर भी बढ़कर 41.29% हो गया है। अपने परिवार से राजनीति में आने वाले स्वतंत्र देव सिंह पहले व्यक्ति हैं। लेकिन,प्रदेश में यदि ऐसा संभव हुआ है कि 37 साल बाद लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी है तो उसमें सिंह भी एक बड़े किरदार हैं। शुक्रवार को हुए शपथग्रहण समारोह में स्वतंत्रदेव सिंह समेत 52 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है और राज्य के हर जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश की गई है।