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Chhattisgarh : उमेश बने सबसे कम उम्र के मंत्री, इसलिए छोड़ी थी कारपोरेट कंपनी की नौकरी

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खरसिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रतिद्वंदी ओमप्रकाश चौधरी को हराकर विधानसभा में दूसरी बार पहुंचे उमेश पटेल को मंत्री का पद मिला है। उमेश की उम्र अभी 35 वर्ष है और वे राज्य के नव गठित मंत्रिमण्डल में सबसे कम उम्र के मंत्री हैं।

उमेश के पिता नंदकुमार पटेल कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। झीरम घाटी हमले में उनकी मौत के बाद उमेश ने कार्पोरेट कंपनी की बड़ी नौकरी छोड़कर राजनीतिक विरासत संभाली। उमेश ने आईटी में इंजीनियरिंग की डिग्री ली है।

अब वे मूल रूप से खेती के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उमेश मूल रूप से रायगढ़ जिले के नंदेली गांव के रहने वाले हैं। साल 2013 में सुधा पटेल से उनकी शादी हुई। उमेश साल 2013 से 14 के बीच कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे। इसके साथ ही वे साल 2013 से विधायक भी रहे हैं।

उन्होंने उस समय भाजपा के निकटतम प्रतिद्वंदी जवाहरलाल नायक को हराकर विधानसभा में अपनी जगह बनाई थी। विधायक रहने के दौरान वे सरकारी उपक्रम संबंधि समिति, पुस्तकालय समिति और महिलाओं और बालिकाओं के कल्याण संबंधि समितियों में बतौर सदस्य काम का अनुभव रखते हैं।

मंत्री बनाए जाने के बाद एक बातचीत के दौरान उमेश ने कहा कि हाईकमान और मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें जिन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, वे उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।