आरक्षण किसे कहते हैं
जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित ना होने वाले जय शाह पुत्र अमित शाह (गृह मंत्री, भारत सरकार) सीधा BCCI के अध्यक्ष बनते हैं, इसे कहते हैं आरक्षण।
जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिश्तेदारी के कारण नियुक्त होते हैं, उसे कहते हैं आरक्षण।
जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिश्तेदारों, बहू बेटों को बिना किसी योग्यता और पात्रता के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो उसे कहते हैं आरक्षण।
जब तमाम अकादमिक परीक्षाएं पास करने तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद भी सिर्फ जाति के आधार पर घोषित कर दिया जाता है "नॉट फाउंड सूटेबल" (ताकि आगे उस पर अपने वर्ग के हितों के अनुरूप नियुक्ति की जा सके) तो उसे कहते हैं आरक्षण।
जब बिना चुनाव लड़े मुख्यमंत्री/उपमुख्यमंत्री/मंत्री/अध्यक्ष बना दिया जाए और जिसके नाम पर चुनाव लड़ा उसे धकिया दिया जाए, इस सामंतशाही को कहते हैं आरक्षण।
जब लॉक डाउन में भी मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्री मंदिर जाते हैं या विवाह के पार्टी अटेंड करते हैं जबकि मरीजों/ मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है, तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं आरक्षण।
आज तक तीर कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली कंपनी को सीधा राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दिया जाता है, तो उसे कहते हैं आरक्षण।
जब एक ही तरह के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल मिल जाती है तो यहां पर दिखता है वर्ग और जाति का आरक्षण।
प्राइमरी स्कूल भी खोलने लायक इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावजूद कागजी जिओ यूनिवर्सिटी को 10,000 करोड़ रुपए मिलते हैं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने के लिए, तो इसे कहते हैं आरक्षण।
जब राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चुनिंदा जातियों से की जाती है, तो उसे कहते हैं आरक्षण।
जब अभिषेक बच्चन, तुषार कपूर और आर्यन खान की बेहूदा एक्टिंग देखनी पड़ती है, तो उसे कहते हैं आरक्षण।
जिसको भारत में आरक्षण कहा जाता है वो सिर्फ प्रतिनिधित्व है, जो तमाम यूरोपीय अमेरिकी अफ्रीकी देशों में भी अपनाया गया है।