8 साल जेल में रहने के दौरान 31 डिग्रियां हासिल किए, जेल से निकलते ही नौकरी मिली, साथ ही मिले कई अवार्ड
अक्सर हम जेल का नाम सुने तो पहला विचार आता है कि यहां जो कैदी रहतें हैं, वे लोगों की जान लेने और अत्याचार करने के लिए हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिनके बारे में सुनकर आपको विश्वास नहीं होगा। भगवान की तरफ से कुछ लोगों का जन्म अपनी बुद्धि, लगन और काबिलियत का परिचय देने के लिए होता है। ऐसे ही गुजरात के भानुभाई पटेल। इन्होंने जेल में सजा काटने के दौरान अपनी लगन से 8 वर्षों में 31 डिग्रियां हासिल करी। जब यह जेल से बाहर आये तब इन्हें गवर्नमेंट जॉब का ऑफर हुआ। इन्होंने अपनी तक़दीर को जेल में रहकर एक नया मोड़ दिया है। अब यह अपनी किताब के लिए चर्चें में है। इन्होंने एक किताब लिखी है जिसमें इन्होंने अपने सारे अनुभव साझा किए हैं।
आइये जानते हैं भानु भी पटेल के बारे में
भानुभाई पटेल (Bhanubhai Patel) गुजरात (Gujrat) से सम्बंध रखतें हैं। यह भावनगर (Bhavnagar) तहसील के निवासी हैं। इन्होंने 8 वर्षों तक जेल में रहकर 31 डिग्रियां हासिल की है। यह जब रिहा हुये तो इन्हें नौकरी मिली। इस दौरान भी यह अपनी पढ़ाई को नहीं छोड़े और 5 वर्षों में फिर से 23 डिग्रियां हासिल कर लोंगो के लिए उदाहरण बनें।
FERA के उल्लंघन में हुआ जेल
इन्होंने अपनी शरुआती शिक्षा यहीं से सम्पन की है। यह बीजे मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद से MBBS की डिग्री प्राप्त कर वर्ष 1992 में अमेरिका मेडिकल की डिग्री के लिए गयें। यहां इनका एक मित्र था जो अपना पैसा इनके अकाउंट में ट्रांसफर किया करता था। तब यह FERA के उल्लंघन के लिए दोषी सिद्ध हुयें।
हुई 10 साल की सजा
इसकी जांच पड़ताल हुई और यह दोषी पाए गये। फिर इन्हें 10 साल के लिए जेल हुआ। इन्होंने जेल में अपनी जिंदगी को नए सिरे से तैयार कर अपनी तक़दीर लिखी। इन्होंने यहां अपनी पढ़ाई जारी रखी। जब यह बाहर आये तब अम्बेडकर में इनकी नौकरी लगी।
मिलें हैं बहुत सम्मान
भानुभाई का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस (Limca Book Of Records) में दर्ज है। इतना ही नहीं बल्कि एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्डस (Asia Book of Records) इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स (India Book of Records) यूनिक बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स (Unique Book of Records) वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया और यूनिवर्सल रिकॉर्ड फोरम (Universal Records Forum) में भी इनका शामिल है।
लिखी है किताब
इन्होंने एक किताब लिखी है। जिसका नाम ” Behind bar and beyond है। इसमें इन्होंने अपने ज़िंदगी के अनुभव के बारे में लिखा है। इसमें इनके विश्व रिकॉर्ड और जेल के अनुभव भी शामिल है। इनकी यह किताब गुजराती, हिंदी और इंग्लिश में है।