सेवा और संगठन के प्रतीक: श्री अमरनाथ वर्मा, अयोध्या का सामाजिक राजनीतिक जीवन

जनसेवा को समर्पित व्यक्तित्व: श्री अमरनाथ वर्मा का सामाजिक व राजनीतिक जीवन
अयोध्या (उत्तर प्रदेश):
जनसेवा, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के प्रतीक श्री अमरनाथ वर्मा जी का जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के ग्राम मधुपुर (पाना का पुरवा) के निवासी श्री वर्मा का जन्म एक संस्कारित परिवार में हुआ। उनके पिता श्री बद्री प्रसाद वर्मा और माता श्रीमती विद्यावती वर्मा ने उन्हें सदैव सेवा, नैतिकता और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
शैक्षिक रूप से स्नातक श्री अमरनाथ वर्मा जी ने राजनीति और समाज सेवा में सक्रिय भूमिका निभाते हुए अपने क्षेत्र में मजबूत पहचान बनाई है। उनकी राजनीतिक यात्रा वर्ष 1997 में "अपना दल" से जुड़कर शुरू हुई, जहाँ उन्होंने बूथ अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2005 तक इस भूमिका में रहते हुए उन्होंने संगठन के प्रति पूरी निष्ठा दिखाई।
बाद में उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल से जुड़कर भी अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। जनसंपर्क, कार्यकर्ताओं के बीच संवाद और संगठन के प्रति समर्पण ने उन्हें एक प्रभावी संगठनकर्ता के रूप में स्थापित किया।
वर्ष 2012 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ने के बाद उनके राजनीतिक जीवन को एक नई दिशा मिली। भाजपा में उन्होंने बूथ अध्यक्ष, शक्ति केंद्र संयोजक, शक्ति केंद्र प्रभारी और मंडल मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए संगठन को मजबूत किया। उनकी सेवाओं को देखते हुए 2019 में उन्हें भाजपा का मंडल अध्यक्ष नियुक्त किया गया, और उन्होंने 28 मार्च 2025 तक इस पद को पूरी निष्ठा से निभाया।
श्री वर्मा की राजनीति ज़मीन से जुड़ी रही है। वे सदैव आम जन की समस्याओं को सुनने, समझने और समाधान के लिए संघर्ष करने में अग्रणी रहे हैं। वे अनुशासन, पारदर्शिता और ईमानदारी की मिसाल हैं। उनका जीवन कार्यकर्ताओं व युवाओं के लिए प्रेरणा है।
पारिवारिक जीवन में वे एक आदर्श पुरुष हैं। उनके पुत्र आदित्य पटेल और पुत्री रिमझिम पटेल को वे सदैव सेवा, शिक्षा और संस्कारों का पाठ पढ़ाते हैं।
सामाजिक गतिविधियों में भी वे उतने ही सक्रिय हैं – शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, किसानों की समस्याएं और युवाओं का मार्गदर्शन जैसे विषयों पर वे लगातार कार्यरत हैं।
श्री अमरनाथ वर्मा जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि जब सेवा, समर्पण और संघर्ष को जीवन का आधार बनाया जाए, तो समाज और राष्ट्र दोनों में सकारात्मक बदलाव संभव है।
- Sandeep Patel SPTM (Editor)