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पाली, शेडनेट हाउस: फल-सब्जी के 2 करोड़ पौधे सालाना तैयार कर रहे किसान

खेत में बुआई बाद पौधे कमजोर रहने, कीट प्रबंधन में काफी खर्च के बावजूद उत्पादन कम मिलने से किसान उबर नहीं पा रहे है। अब कुछ किसान पाली हाउस शेड नेट हाउस में पौधे तैयार कर खेतों में लगा रहे हैं। वे शिशुओं की तरह डेढ़-दो माह पौधों की देखभाल करते हैं। जिले में तीन उन्नत किसान सब्जी मसाले के सालाना 2 करोड़ टमाटर, बैंगन, गाना मिर्च, लौकी, कद्दू, पत्ता गोभी सहित अन्य पौध तैयार कर उपलब्ध करा रहे हैं। कम लागत में खेती का मुनाफा बढ़ा रहे हैं। उद्यानिकी उपसंचालक श्री केके गिरवाल बताते हैं कि किसान विभागीय संगोष्ठी, प्रशिक्षण भ्रमण कार्यक्रम का लाभ उठा रहे हैं। बुआई से लेकर सिंचाई तक उन्नत तकनीक की खेती से सब्जी, फल मसाला फसलों की लगातार पैदावार बढ़ा रहे हैं। गत 20 वर्षों में उत्पादन में औसत 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वे शेड नेट हाउस पाली हाउस योजना का भी फायदा उठा रहे हैं।

एक करोड़ पौधे सालाना करते हैं तैयार

महेश्वर के नाद्रा के ओमप्रकाश पाटीदार उन्नत खेती के लिए कई मंचों पर कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक पुरस्कृत हो चुके हैं। प्रदेश के बाहर ट्रेनिंग ले चुके हैं। चाइनीस ब्रोकली कैबेज लगा चुके हैं। लगभग साढ़े तीन एकड़ पाली हाउस में सालाना 1 करोड पौध को शिशु की तरह तैयार करते हैं। 20 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

मोगावां के किसान ने खुद बनाई पहचान

कसरावद तहसील के मोगांवा के किसान सुनील पाटीदार बताते है एक हेक्टेयर में डेढ़ माह तक पौधे की देखभाल करना चुनौती होती है। पानी का स्प्रे बीमारी में नजर रखना पड़ती है। विभाग के मुताबिक किसान 70 लाख पौधे तैयार कर रहे हैं।

आदिवासी किसान भी पीछे नहीं

भीकनगांव के सिराली गांव के आदिवासी किसान लखन पटेल सवा एकड़ के नेटशेड हाउस में हर साल सब्जी मसाले के 30 लाख पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं।

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