छत्रपति शिवाजी महाराज के सुविचार Shivaji Maharaj Quotes in Hindi

शौर्य और साहस की मूर्ती, भारत के वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान देशभक्त कुशल प्रशासक थे. जहाँ एक तरफ वे महा पराक्रमी थे वहीँ दूसरी ओर वे अपनी दयालुता के लिए भी जाने जाते थे. युद्ध में उनकी रणनीति का कोई सानी नहीं था, वे अपनी छोटी सी सेना से भी मुग़लों की भारी-भरकम सेना को परास्त कर देते थे.

नाम शिवाजी राजे भोसले ( छत्रपति शिवाजी महाराज)
जन्म 19 फरवरी 1630 शिवनेरी दुर्ग, महाराष्ट्र
मृत्यु 3 अप्रैल, 1680 रायगढ़
उपलब्धि मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले महान योद्धा कुशल रणनीतिकार


छत्रपति शिवाजी महाराज के अनमोल विचार

 

स्वतंत्रता एक ऐसा वरदान है
जिसे पाने का हर किसी को हक़ है।

 

एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर,
बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।

 

 

नारी के सभी अधिकारों में,
सबसे महान अधिकार माँ बनने का है.

 

हमे अपने दुश्मन को कभी कमजोर नही समझना चाहिए
और अपने से अधिक ताकतवर समझकर भयभीत भी नही होना चाहिए।

 

जरुरी नही कि विपत्ति का सामना, दुश्मन के सम्मुख से ही करने मे,
वीरता हो। वीरता तो विजय मे है।

 

 

इस दुनिया में हर व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है
और वह अधिकार को पाने के लिए वह किसी से लड़ सकता है।

 

 

जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाङ
भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।

 

 

शत्रु को कमजोर समझो,
तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरना भी नही चाहिए।

 

 

यह जरुरी नही कि खुद गलती करके ही सीखा जाए,
दुसरो की गलती से भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

 

 

जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए
कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य क्यों हो
उसे चुकाना ही पड़ता है।

 

 

सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर।
अतः पहले खुद को नही राष्ट्र को देखना चाहिए।

 

 

आप एक छोटे कदम से, छोटे से लक्ष्य की
शुरुआत करके भी बड़े बड़े लक्ष्य
को आसानी से पा सकते है।

 

 

अगर मनुष्य के पास आत्मबल है,
तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से
विजय पताका लहरा सकता है।

 

 

इस जीवन मे सिर्फ अच्छे दिन की आशा नही रखनी चाहिए,
क्योकी दिन और रात की तरह अच्छे दिनो को
भी बदलना पङता है।

 

 

जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी शिद्दत से,
अपने कार्यो मे लगा रहता है।
उसके लिए समय खुद बदल जाता है।

 

 

मनुष्य को प्रतिशोध लेने की
भावना अंदर ही अंदर जलाती रहती है
लेकिन इस पर संयम से प्रतिशोध
पर काबू पाया जा सकता है।

 

 

शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यो हो,
उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से
भी परास्त किया जा सकता है।

 

 

जो व्यक्ति अपने आत्मबल को जान लेता है,
खुद को पहचान लेता है,
जो मानव जाति के कल्याण को सोच रखता है
वही व्यक्ति पूरे विश्व पर राज्य कर सकता है।

 

 

आत्मबल, सामर्थ्य देता है,और सामर्थ्य, विद्या प्रदान करती है।
विद्या, स्थिरता प्रदान करती है, और स्थिरता, विजय की तरफ ले जाती है।

 

 

प्रतिशोध मनुष्य को जलाती रहती है,
संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का उपाय होता है।

 

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है।
क्योंकि पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

 

 

जीवन में सिर्फ अच्छे दिन हमेशा नही रह सकते है।
जिस प्रकार रात दिन आते जाते रहते हैं उसी प्रकार सुख दुःख भी आते जाते रहते हैं।

 

जो धर्म, सत्य, क्षेष्ठता और परमेश्वर के सामने झुकता है।
उसका आदर समस्त संसार करता है।

 

 

 “एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए,
समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर लेता है।  

 

 

हर इन्सान को सबसे पहले राष्ट्र, फिर अपने गुरु और माता

 

पिता की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योकि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नही है।

 

अंगूर को जब तक पेरो वो मीठी मदिरा नही बनती,
वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट मे पिसता नही,
तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नही आती।

 

 

किसी भी कार्य को करने से पहले उसके परिणाम को सोच लेना भी

 

बेहतर होता है क्योकि आने वाली पीढ़ी आपका ही अनुसरण करती है।

 

एक स्त्री के सभी अधिकारों में
सबसे महान अधिकार उसका माँ बनना है।

 

 

बदले की भावना मनुष्य को जलाती रहती है,

संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एकमात्र उपाय है।

 

एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर,बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।

 

शत्रु को कमजोर समझना या बहुत अधिक बलवान समझना दोनों ही स्थिति घातक है।

 

नारी के सभी अधिकारों में, सबसे महान अधिकार माँ बनने का है।

 

यदि एक पेड़, जोकि इतनी उच्च जीवित सत्ता नहीं है, इतना सहिष्णु और दयालु

हो सकता है कि किसी के द्वारा मारे जाने पर भी उसे मीठे आम दे; तो एक राजा होकर,

क्या मुझे एक पेड़ से अधिक सहिष्णु और दयालु नहीं होना चाहिए?

 

भले हर किसी के हाथ में तलवार हो, यह इच्छाशक्ति है जो एक सत्ता स्थापित करती है.

 

वास्तव में, इस्लाम और हिन्दू धर्म अलग-अलग मामले हैं. वे उस सच्चे दिव्य चित्रकार

द्वारा रंगों को मिलाने और खाका तैयार करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं.

यदि यह एक मस्जिद है, तो उसकी याद में ईबादत के लिए आवाज़ दी जाती है.

यही यह एक मंदिर है तो सिर्फ उसी के लिए घंटियाँ बजाई जाती हैं.

 

एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर, बाद मे

विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।

 

जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम,

कोई भी मूल्य क्यों हो उसे चुकाना ही पड़ता है।

 

अगर मनुष्य के पास आत्मबल है, तो वो समस्त संसार पर

अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।

 

जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी शिद्दत से, अपने

कार्यो मे लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है।

 

एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए,

समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर लेता है।

 

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है।

क्योंकि पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

 

जीवन में सिर्फ अच्छे दिन की आशा नही रखनी चाहिए, क्योंकि

दिन और रात की तरह अच्छे दिनों को भी बदलना पड़ता है।

 

कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है;

क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसी का अनुसरण करती है।

 

छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके अद्भुत बुद्धिबल के लिए जाना जाता है। वह पहले भारतीय शासकों में से एक थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए नौसेना बल की अवधारणा को पेश किया था।

 

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