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बिना डिग्री, गजब की खेती: हर्षदभाई पटेल की कमाई लाखों में, जाने फॉर्मूला

सिर्फ 10वीं पास, लेकिन कमाई लाखों में! हर्षदभाई पटेल की अनोखी खेती ने रचा कमाल
महेसाणा (गुजरात)। शिक्षा भले ही 10वीं तक हो, लेकिन यदि सोच बड़ी हो तो सफलता की फसल लहलहा सकती है। ऐसा ही कर दिखाया है गुजरात के महेसाणा जिले के विसनगर तालुका के बोकड़वाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान हर्षदभाई पटेल ने, जिन्होंने पारंपरिक खेती को पीछे छोड़कर प्राकृतिक खेती के अनोखे फॉर्मूले से हर साल 1.5 से 1.75 लाख रुपये तक की कमाई कर ली है।
2016 से की प्राकृतिक खेती की शुरुआत
हर्षदभाई पटेल ने 10वीं तक पढ़ाई के बाद ऑटोमोबाइल बिजनेस में कदम रखा, लेकिन खेती से लगाव उन्हें खींच लाया। उन्होंने बीजों की दुकान शुरू की और वर्ष 2016 से प्राकृतिक खेती का रास्ता अपनाया। आज वे ‘बबली चोलाई’, हाइब्रिड टमाटर और चुकंदर की खेती करके सब्जियों को सीधे रिटेल में बेचते हैं।
कम लागत, अधिक लाभ
एक बीघा में चुकंदर, आधे बीघा में टमाटर और बाकी आधे में बबली चोलाई की खेती करने वाले हर्षदभाई हर हफ्ते 70 से 80 किलो चोलाई का उत्पादन कर रहे हैं, जिसे वे 80 रुपये प्रति किलो में बेचते हैं। इस साल वे अब तक 300 से 400 किलो चोलाई बेच चुके हैं। खास बात यह है कि बबली चोलाई आकार में बड़ी और नरम होती है, जिससे इसकी रसोइयों में मांग बढ़ गई है।
मूल्यवर्धन से बढ़ाई आमदनी
हर्षदभाई न केवल सब्जियां बेचते हैं, बल्कि चुकंदर से जैम और पाउडर बनाकर उसकी भी बिक्री करते हैं। वे कहते हैं, “प्राकृतिक खेती में खर्च कम है—एक बीघा पर लगभग 10,000 रुपये, लेकिन आमदनी बहुत अधिक होती है। आत्मा योजना से जुड़ने के बाद ही मुझे प्राकृतिक खेती की राह मिली।”
प्रेरणा का स्रोत बने हर्षदभाई
अपने प्रयोगात्मक मॉडल फार्म से उन्होंने यह साबित किया है कि कम पढ़ाई होने के बावजूद भी स्मार्ट खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उनकी सफलता देश के अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।
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