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भारत की सबसे अमीर किसान बनीं नितुबेन पटेल – कुर्मी समाज की गौरवशाली बेटी

कुर्मी समाज की बेटी नितुबेन पटेल बनीं भारत की सबसे अमीर किसान
गुजरात की कुर्मी समाज की गौरवशाली बेटी नितुबेन पटेल ने देशभर में रचा इतिहास।
वर्ष 2024 में उन्हें "भारत की सबसे अमीर किसान" (Richest Farmer of India) का खिताब मिला। यह उपलब्धि उन्होंने जैविक खेती (Organic Farming) और टिकाऊ कृषि तकनीकों के ज़रिए हासिल की — जिसकी कुल संपत्ति ₹100 करोड़ से अधिक आँकी गई है।
नितुबेन पटेल कुर्मी समाज की पहली महिला हैं जिन्होंने Millionaire Farmer of India (MFOI) Award जीतकर कृषि के क्षेत्र में नारी नेतृत्व का नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
प्राकृतिक खेती की मिसाल बनीं
नितुबेन पटेल द्वारा विकसित दो क्रांतिकारी कृषि पद्धतियाँ —
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अमृत कृषि (Nectar Farming): जिसमें मिट्टी के प्राकृतिक पोषण और फसल की गुणवत्ता बढ़ाने पर ज़ोर है।
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जादुई मिट्टी (Magical Soil): नितुबेन द्वारा तैयार की गई उन्नत मिट्टी सुधार विधि जो उत्पादकता और मृदा स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक सुधार करती है।
बहुआयामी उत्पादन और डिजिटल मार्केटिंग
वे ऑर्गेनिक सब्जियाँ, फल, खपली गेहूं, सरसों का तेल, देसी घी जैसी पारंपरिक वस्तुएँ उगाती हैं और डेयरी फार्मिंग भी करती हैं। उनके उत्पाद ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से देशभर में बिकते हैं।
20 साल में बना आत्मनिर्भर जैविक फार्म
उनका फार्म इतना सुव्यवस्थित और टेक्नोलॉजी-सक्षम है कि बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के दो दशक तक चल सकता है। नितुबेन ने यह दिखा दिया कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से मिट्टी से करोड़ों की दौलत पैदा की जा सकती है।
ग्रामीण विकास में क्रांति
वे सजीवन लाइफ प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक हैं — एक NGO जो प्राकृतिक खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। उनकी संस्था ने सिर्फ 45 दिनों में 84 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) रजिस्टर कराए जो किसानों को सरकारी योजनाओं और जैविक खेती से जोड़ रहे हैं।
सस्टेनेबिलिटी की दिशा में कदम
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हर साल 10,000 से ज्यादा किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण
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10,000 सूती थैले मुफ्त बांटे जा रहे हैं प्लास्टिक के विरोध में
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हजारों पेड़ हर साल लगाए जा रहे हैं
कुर्मी समाज को मिली नई पहचान
नितुबेन पटेल का नाम सिर्फ गुजरात या भारत तक सीमित नहीं, बल्कि कुर्मी समाज की बेटी के रूप में वैश्विक मंच पर एक रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है। उनकी सफलता यह साबित करती है कि कुर्मी समाज में महिलाओं के नेतृत्व और नवाचार की जबरदस्त क्षमता है।