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कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज द्वारा दलित समाज के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयास......

भारत में पहली बार 26 जुलाई 1902को दलितों -पिछड़ों को शासन प्रशासन में 50% भागीदारी ( आरक्षण)देने वाले कोल्हापुर नरेश छत्रपति शाहूजी महाराज द्वारा दलित समाज के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयास......

· उच्च शिक्षा के अध्ययन के लिए विशेष आर्थिक सहायता.

  • सार्वजनिक स्थलों, संस्थानों, विद्यालयों, चिकित्सालय, प्रशासन इत्यादि में किसी भी तरह के छुआछूत पर कानूनन रोक.
  • गंगाराम कांबले नामक दलित व्यक्ति को स्वयं पैसा देकर चाय की दुकान खुलवाई तथा स्वयं राज्य कर्मचारियों के साथ जाकर नियमित अंतराल पर चाय पीते थे.. ताकि अन्य लोग भी चाय पिये... जिससे समाज से छुआछूत की भावना दूर हो सके.
  • 1917 में बलूतकारी प्रथा का अंत किया. जिसके अंतर्गत अछूत व्यक्ति को थोड़ी सी जमीन देकर उसे एवं उसके परिवार से पूरे गांव की सेवा कराई जाती थी.
  • 1918 में वतन दारी प्रथा का अंत किया तथा भूमि सुधार लागू कर महार जाति के लोगों को सोनी बनने का हक प्रदान किया.
  • कोल्हापुर नगर पालिका चुनाव में आशु अछूतों के लिए सीटें आरक्षित की जिससे नगर पालिका का अध्यक्ष पहली बार अछूत जाति का व्यक्ति बना.
  • छत्रपति शाहूजी महाराज ने आदेश जारी किया कि उनके राज्य के किसी भी कार्यालय और ग्राम पंचायत में दलितों और पिछड़ी जातियों के साथ समानता का व्यवहार हो. छुआछूत को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

· दलित समाज के छात्रों के लिए विशेष शिक्षण संस्थानों एवं छात्रावास की स्थापना.